सहरसा : डॉ माया पांडेय एवं डॉ प्रह्वाद कुमार की गिरफ्तारी के आदेश का डॉक्टरों द्वारा पुरजोर विरोध किया जा रहा है. आइएमए की जिला शाखा ने इस संबंध में पुलिस अधीक्षक को एक आवेदन देकर आदेश की निंदा करते हुए इसे न्याय संगत नहीं बताया है.
आइएमए के जिलाध्यक्ष डॉ गोपाल शरण सिंह ने एसपी को दिये आवेदन में कहा है कि नया बाजार की डॉ माया पांडेय के खिलाफ सदर थाना में धारा 304/201/34 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जबकि ऐसे मामले में बिना विशेषज्ञ की सहमति लिए किसी भी डॉक्टर के खिलाफ फौजदारी मुकदमा चलाना न्याय संगत नहीं है.
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित निर्णय डॉ गुप्ता बनाम एमसीटी दिल्ली के मामले का हवाला देते हुए कहा कि इस आदेश के बाद स्पष्ट है कि चिकित्सक के विरुद्ध इस तरह के मामले में ऐसे ही गिरफ्तारी का आदेश नहीं दिया जा सकता. आवेदन में कहा गया है कि विषयांकित कांड अंकित होने से पहले इस मामले में न तो विशेष जांच कमेटी का गठन किया गया और न ही उसका प्रतिवेदन आया.
ऐसी परिस्थिति में कांड अंकित करना कहां तक न्यायसंगत है. आइएम ने यह भी कहा कि इस विषय के सभी तथ्यों के साथ एसपी के साथ मिल कर आइएमए के शिष्टमंडल द्वारा अनुरोध किया गया था कि अनुसंधानकर्ता को उपरोक्त विषयांकित कांड रोकने का आदेश दिया जाये. बावजूद इसके चिकित्सक की गिरफ्तारी का आदेश देना निंदनीय है.
आइएमए मानसिक रूप से प्रताड़ित करने वाले ऐसे आदेश की घोर निंदा करती है और अनुरोध करती है कि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो, इसका हर संभव ख्याल रखा जाये. मालूम हो कि लगभग एक माह पूर्व नया बाजार स्थित एक निजी नर्सिग होम में ऑपरेशन के दौरान एक महिला ऋतिका की मौत हो गयी थी.
मृतका के पति गौतम नगर निवासी सुमित कुमार सोनू द्वारा सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी, जिसमें कहा गया था कि ऑपरेशन के बाद डॉ माया पांडेय द्वारा ऑपरेशन को सफल बताया गया. लेकिन ऑपरेशन थियेटर को बंद कर स्टाफ सहित डॉक्टर वहां से निकल गये. बाद में पुलिस के आने पर ऑपरेशन थियेटर में पत्नी को मृत पाया.
इस मामले में सोमवार को डीएसपी द्वारा प्राथमिकी अभियुक्त डॉ माया पांडेय एवं अप्राथमिकी अभियुक्त डॉ प्रह्वाद कुमार को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था, जिसके बाद आइएमए द्वारा इसका विरोध जताया गया.