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एटीएस के पुलिस महानिरीक्षक ने सभी एसपी को भेजा पत्र

सहरसा : सदर थाना क्षेत्र में सेंधमारी व वाहन चोरी रुकने का नाम नहीं ले रहा है. औसतन प्रतिदिन वाहन की तो चोरी हो ही रही है. सेंधमारी भी रूकने का नाम नहीं ले रहा है. जिले के मई माह के अपराध आंकड़ा पर गौर करे तो सदर थाना में एक लूट, छह सेंधमारी, 13 […]

सहरसा : सदर थाना क्षेत्र में सेंधमारी व वाहन चोरी रुकने का नाम नहीं ले रहा है. औसतन प्रतिदिन वाहन की तो चोरी हो ही रही है. सेंधमारी भी रूकने का नाम नहीं ले रहा है. जिले के मई माह के अपराध आंकड़ा पर गौर करे तो सदर थाना में एक लूट, छह सेंधमारी, 13 वाहन चोरी, तीन अन्य चोरी, आठ सामान्य दंगा, तीन सामान्य अपहरण का मामला दर्ज हुआ है.

वही बनगांव थाना में छह सामान्य दंगा व दो अपहरण, महिषी में एक हत्या, एक वाहन चोरी, तीन सामान्य दंगा, एक बालात्कार, एक अपहरण, नवहट्टा थाना में दो सामान्य दंगा, एक अपहरण, एससी एसटी एक्ट में दो, बिहरा थाना में तीन सामान्य दंगा, सौरबाजार थाना में एक लूट, एक उद्यापन, दो अन्य चोरी, चार सामान्य दंगा, दो दहेज मृत्यु, छह सामान्य अपहरण, एक एससी एसटी एक्ट, बख्तियारपुर थाना में एक हत्या, दो लूट, एक वाहन चोरी, तीन अन्य चोरी, एक दहेज मृत्यु, एक सामान्य अपहरण, तीन एससी एसटी एक्ट, सलखुआ थाना में तीन हत्या, एक डकैती, एक वाहन चोरी, एक सामान्य दंगा, एक एससी एसटी एक्ट, सोनवर्षा राज थाना में दो सामान्य अपहरण, एक एससी एसटी एक्ट, बसनही थाना में एक वाहन चोरी, एक सामान्य दंगा, एक एससी एसटी एक्ट, महिला थाना में एक दुष्कर्म, एससीएसटी थाना में चार एससी एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.

थानाध्यक्ष के कार्यों का होगा विश्लेषण
अपराध अनुसंधान विभाग के अपर पुलिस महानिदेशक ने आंकड़ा पर नाराजगी जताते कहा कि संबंधित थाना के थानाध्यक्षों के कार्यों का गहन विश्लेषण करने व पुलिस अधीक्षक को अप्रत्याशित वृद्वि का समीक्षा करने व शिथिलता व लापरवही की स्थिति में कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
उन्होंने कहा कि सदर थाना में दर्ज सेंधमारी शीर्ष में सौ प्रतिशत का योगदान है. सलखुआ में दर्ज हत्या के तीन मामले हत्या शीर्ष में 60 प्रतिशत है.
कारगर उपाय से होगी अपराध में कमी: डीआइजी
सिमी संगठन पर नजर रखने का निर्देश
एटीएस के पुलिस महानिरीक्षक ने सभी एसपी को पत्र भेज कर स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया पर नजर रखने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में सिमी को पांच वर्ष के लिए प्रतिबंधित किया गया था. प्रतिबंधित समय में यदि सरकार सिमी की गतिविधियों के विधि विरुद्ध जारी हो पाती है तो पुन: प्रतिबंध लगाया जा सकता है. जिसके लिए उसपर नजर रखना आवश्यक है. जिसके बाद कोसी प्रक्षेत्र के डीआइजी ने सभी एसपी को पत्र लिख कर कार्रवाई का निर्देश दिया है.

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