* पांच दिन पहले पति ने गला दबा कर पत्नी को फेंका था पानी में
* पति के अलावा अन्य चार आरोपियों पर अब तक नहीं हुई कार्रवाई
सत्तर कटैया : मंगलवार की रात एक पति ने अपने सहयोगियों के साथ पत्नी का गला दबाकर पदमपुर ढ़ाला के समीप एक पोखर में मरा समझ फेंक दिया था. लेकिन पत्नी बच निकली. पत्नी ने अपने ही पति सहित चार अज्ञात द्वारा इस घटना को अंजाम देने का आरोप लगाया था.
पीड़िता सौर बाजार चकला जागीर निवासी भूपेंद्र यादव की पुत्री खुशबू कुमारी के फर्द बयान पर मतरंध मधेपुरा निवासी संजय यादव सहित अन्य पर प्राथमिकी तो दर्ज कर दी गयी. लेकिन घटना के पांच दिन बीत जाने के बावजूद भी बिहरा व घैलाढ़ परमानंदपुर द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है.
घटना के दूसरे दिन पुलिस ने आनन-फानन में छापेमारी कर उसके घर से टेंपों बरामद तो कर लिया. लेकिन आरोपी पति सहित अन्य अज्ञात अभी तक फरार ही चल रहे है. आरोपी पति के साथ चार अन्य घटना को अंजाम देनेवाले कौन थे. इसके बारे में भी कोई पता नहीं चल पाया है.
आखिर पति ने अपनी ही नव विवाहित पत्नी को किन लोगों के साथ और क्यों जान से मारने की नीयत से सुनसान पोखर में गला दबाकर फेंक दिया. इसके कारणों का भी खुलासा करने में पुलिस प्रशासन विफल हो रहा है. बताया जाता है कि शादी में दान दहेज नहीं दिया गया था. इससे जाहिर होता है कि क्या यह मामला दहेज प्रताड़ना से संबंधित तो नहीं है. इस तरह की कई सवाल लोगों के जेहन में है.
* पहले भी हुई है ऐसी घटनाएं
दहेज लोभियों ने इस तरह के कई घटनाओं को पूर्व में भी अंजाम दिया है. दिसंबर 2012 में सिहौल भरना गांव में एक पति ने महज पांच हजार रुपया दहेज का बकाया रकम नहीं देने के चलते अपनी पत्नी की हत्या कर शव को जला दिया था. इस मामले में मृतका रीना के पिता मधेपुरा बरदाहा गांव निवासी सहदेव ठाकुर के आवदेन पर आरोपी पति शिवनारायण ठाकुर सहित अन्य पर मामला दर्ज किया गया. दिसंबर 12 में ही बिहरा पंचायत के महेश्वर नाथ अंबिका मंदिर स्थित पोखर में एक नव विवाहित की हत्या कर शव को पानी में फेंक दिया था. इस घटना को अंजाम देने वाले तथा मृतका के बारे में अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है.
* बराबर हो रही घटना से दहशत
बाहर से लाकर बिहरा थाना क्षेत्र को सुरक्षित समझ घटना को अंजाम देने के चलते क्षेत्रवासियों में दहशत का माहौल बना रहता है. घटना के बाद त्वरित कार्यवाही, आरोपियों की पहचान व गिरफ्तारी नहीं होने से लोगों में भय का माहौल बना रहता है. क्षेत्र में लगातार हो रहे हत्या, अपहरण, चोरी, डकैती व रेप के मामले को देखते हुए सत्तर कटैया प्रखंड मुख्यालय में ओपी खोलने की मांग स्थानीय लोगों द्वारा किया गया था. लेकिन एसपी के आश्वासन के बाद एक वर्ष बीत गये, लेकिन ओपी नहीं खुल सका.