सहरसा : जिले के बालू व गिट्टी व्यवसाय से जुड़े व्यवसायियों ने राज्य सरकार की नयी खनिज नियमावली से होने वाली परेशानियों को देखते हुए इसे वापस लेने की मांग को लेकर एक दिवसीय धरना कार्यक्रम का आयोजन किया. गुरुवार को स्थानीय स्टेडियम के निकट आयोजित धरना को संबोधित करते हुए व्यवसायियों ने कहा नयी नियमावली में लघु खनिज का थोक व्यापार बिहार राज्य खाद्य निगम के द्वारा जिला प्रशासन की देखरेख में होगा और खुदरा व्यवसाय के लिए सीमित संख्या में डीलरशिप दिया जायेगा.
इस कारण 95 प्रतिशत से ज्यादा पुराने व्यवसायी बेरोजगार हो जायेंगे और रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न होगी. वक्ताओं ने कहा कि कार्यालय की व्यवस्था, कंप्यूटर, स्टाफ आदि की अनिवार्यता बजट से बाहर की की बात है. नयी नीति में वाहन में जीपीएस व डिजिटल लॉक लगाना अनिवार्य है
तथा नहीं लगाने पर वाहन जब्त और मुकदमा दायर करने के राज्य सरकार का तुगलकी फरमान बताते हुए इसे लागू करने से इंकार किया. व्यापारियों ने राज्य सरकार से ज्यादा संख्या में डीलरशिप निर्गत करने, बालू गिट्टी खदान की बंदोबस्ती करने के बजाय स्वयं के नियंत्रण में खुदरा व्यवसायी को सीधे खदान से उचित दर पर जीएसटी, रायल्टी लेकर आपूर्ति करने का सुझाव दिया.
व्यवसायियों ने धरना के बाद जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर समस्याओं के समाधान की मांग की. इससे पूर्व व्यवसायी संघ शिष्टमंडल ने पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव से मिलकर अपनी मांगों का ज्ञापन सौंप बेरोजगार होने से बचने की मांग की. चमन कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित धरना प्रदर्शन को प्रमोद कुमार पप्पू, रवि कुमार, महासचिव भोला मंडल, वरूण ठाकुर, नितेश यादव, राहुल सिंह, अमित ओंकार, सुमन कुमार, मंटु सिंह, दीपक सिंह, दिनेश गुप्ता, दीपक भगत, बबलू सिंह, टुन्ना जी, अभिनंदन, गोपाल, मिथिलेश, कुंज बिहारी गुप्ता, इसराफिल सहित सैकड़ों व्यवसायी शामिल थे.