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नवजात के शव के लिए मांगा पैसा, हंगामा

बच्चे का हाथ निकल गया, फिर भी प्रसव पीड़िता को नहीं मिला एंबुलेंस, नवहट्टा पीएचसी से जैसे तैसे आये सदर अस्पताल, नवजात की मौत सदर अस्पताल में मांगे शव देने के छह सौ रुपये सहरसा : कोसी का प्रमंडलीय अस्पताल कहे जाने वाले सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड में लापरवाही व घुसखोरी का मामला चरम […]

बच्चे का हाथ निकल गया, फिर भी प्रसव पीड़िता को नहीं मिला एंबुलेंस,

नवहट्टा पीएचसी से जैसे तैसे आये सदर अस्पताल, नवजात की मौत
सदर अस्पताल में मांगे शव देने के छह सौ रुपये
सहरसा : कोसी का प्रमंडलीय अस्पताल कहे जाने वाले सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड में लापरवाही व घुसखोरी का मामला चरम पर है. चार दिन पूर्व मधेपुरा जिला के डोमराही उदाकिशुनगंज के आजाद मंडल की पत्नी व बच्चा के साथ हुई घटना की चर्चा थमी भी नहीं थी कि शुक्रवार को पुन: प्रसव वार्ड में नवजात के शव के लिए छह सौ रुपये की अमानवीय मांग की गयी. इसके बाद परिजनों ने जम कर हंगामा मचाया. मामले की जानकारी मिलते ही सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार सिंह, उपाधीक्षक डॉ अनिल कुमार, प्रबंधक विनय रंजन वार्ड पहुंचे व परिजनों से मामले की जानकारी लेकर दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत कराया.
महिला राजकुमारी देवी के पति नवहट्टा थाना क्षेत्र के मिसरोलिया मोहनपुर निवासी विलास यादव ने आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है. मालूम हो कि नवहट्टा थाना क्षेत्र के मिसरोलिया मोहनपुर निवासी विलास यादव ने पत्नी राजकुमारी देवी को प्रसव पीड़ा के बाद अस्पताल में भरती कराया था. जहां नवजात की मौत हो गयी.
तालाब में डूबने से बालक की मौत: सौरबाजार. प्रखंड क्षेत्र के चंदौर पूर्वी पंचायत के गोठ टोला वार्ड नंबर 5 निवासी मनीष कुमार के 5 वर्षीय बालक की मौत शुक्रवार को दिन के करीब 12 बजे शौच करने के क्रम में तालाब में डूबने से हो गयी. ग्रामीणों के अनुसार मृतक बालक कुश कुमार शुक्रवार को 12 बजे अपने घर से निकल कर निकट के तालाब के किनारे गया हुआ था. शौच क्रिया के बाद सफाई करने के दौरान पैर फिसल गया. तालाब में अत्यधिक पानी रहने के कारण वह डूब गया. जिससे उसकी मौत हो गयी. घटना की जानकारी मिलते ही सीओ रमेश कुमार ने स्वयं घटनास्थल पर पहुंच कर वस्तुस्थिति का जायजा लिया व पीड़ित परिवार को ढ़ांढ़स बंधाया है.
सिर्फ बाढ़ पीड़ितों को मिलता है एंबुलेंस
पीड़ित ने बताया कि प्रसव पीड़ा होने के बाद वह नाव से अपनी पत्नी राजकुमारी देवी को लेकर अहले सुबह चार बजे नवहट्टा पीएचसी गये. जहां डॉक्टर व नर्स सब सोये थे. जगाने पर परिचारिका ने कहा कि मरीज की हालत खराब है. इसे सहरसा ले जाइए. कहने पर रेफर का पुरजा थमा दिया गया. बावजूद डॉक्टर देखने तक नहीं आये. एंबुलेंस रहने के बाद भी मांगने पर नहीं दिया गया. एंबुलेंस को लेकर जब प्रभारी से कहा गया तो उन्होंने बिना कमरे से बाहर आये कहा कि ड्राइवर से बात करो. एंबुलेंस सिर्फ बाढ़ पीड़ितों के लिए ही है. इस दौरान बच्चा का एक हाथ निकल गया था. यह कहने के बाद भी एंबुलेंस नहीं दिया गया. जिसके बाद किसी तरह सहरसा सदर अस्पताल पहुंचे. जहां से मरीज को भरती कराने के कुछ देर बाद परिचारिका द्वारा कहा गया कि बच्चे की मौत हो गयी है, इसे ले जाइए. जब वह बच्चा लेने गया तो परिचारिका द्वारा छह सौ रुपये की मांग की गयी.

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