कार्रवाई. अभियान में पूरे कागजात नहीं रखने पर किया गया जुर्माना
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वाहनों से वसूले गये ” 13 हजार
कार्रवाई. अभियान में पूरे कागजात नहीं रखने पर किया गया जुर्माना सहरसा : यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए जिला मुख्यालय में सदर थाना व यातायात पुलिस के सहयोग से वाहन चेकिंग अभियान चलाया गया. सदर थाना गेट पर यातायात प्रभारी नागेंद्र राम, डुमरैल चौक पर सदर थाना के सअनि अवधेश राम सहित पैंथर […]
सहरसा : यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए जिला मुख्यालय में सदर थाना व यातायात पुलिस के सहयोग से वाहन चेकिंग अभियान चलाया गया. सदर थाना गेट पर यातायात प्रभारी नागेंद्र राम, डुमरैल चौक पर सदर थाना के सअनि अवधेश राम सहित पैंथर जवानों ने सघन वाहन चेकिंग किया. जिसमें कागजात के अभाव, बिना हेलमेट, जूता, ट्रिपल लोडिंग चालक से जुर्माना की राशि वसूली गयी. वाहन चेकिंग को लेकर गली से वाहन चालक पुलिस की नजर से बच कर निकलते रहे.
सदर थानाध्यक्ष भाई भरत ने बताया कि सभी पदाधिकारियों को सड़कों पर फर्राटा भरने वाले लहरिया कट व ट्रिपल लोडिंग पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि कुछ युवक सड़क पर गलत ढंग से बाइक चलाते हैं. जिससे पुलिस सख्ती से निबटेगी. ऐसे बाइक चालकों की बाइक को जब्त कर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. ट्रिपल लोडिंग बाइक को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जायेगा. उन्होंने कहा कि पुलिस के अलावे परिवहन विभाग भी इस तरह के बाइक चालकों पर कार्रवाई कर रही है.
अपने साथ रखें सभी कागजात : बाइक चालक हमेशा अपने साथ बाइक से संबंधित सभी कागजात लेकर ही सफर करना शुरू करें. बाइक चालक अपने साथ बाइक से संबंधित सेल लेटर, ऑनर बुक, इंश्योरेंस, प्रदूषण, ड्राइविंग लाइसेंस हमेशा रखे. इसके अलावे जूता व हेलमेट का प्रयोग करें. यह सुरक्षा के साथ-साथ आपके जीवन के लिए भी आवश्यक है. मालूम हो कि इन कागजातों के अभाव में दर्जनों बाइक चालक जुर्माना भर चुके हैं. वहीं कई वाहनों को पुलिस ने जब्त भी कर लिया है.
सदर थानाध्यक्ष ने बताया कि लगातार वाहन चेकिंग अभियान चलाया जायेगा. उन्होंने लोगों से पूरे कागजात व यातायात नियमों का पालन कर ही वाहन सड़क पर चलाने की अपील की. अन्यथा वाहन चेकिंग के दौरान बिना कागजात के गाड़ी चलाने वालों पर धारा 177, बिना ड्राइविंग लाइसेंस पर धारा 180, बिना हेलमेट पर धारा 177 व 129, ट्रिपल लोडिंग पर धारा 177 व 128, सीट से अधिक बिठाने पर धारा 192 व 72, गाड़ी की छत पर यात्री बिठाने पर धारा 177 व 123 दो प्रेशर हॉर्न पर धारा 190 (दो), वाहन में काला शीशा चढ़ाने पर धारा 179, आज्ञा के उल्लंघन पर धारा 179, निर्धारित क्षमता से अधिक माल ढ़ुलाई पर धारा 194 (एक), तेज रफ्तार पर धारा 184, गाड़ी चलाते समय मोबाइल के उपयोग पर धारा 177 व आर 307, नो पार्किंग में वाहन खड़ी करने पर धारा 177 व 117, नो इंट्री में वाहन चलाने पर धारा 179 व 115 के तहत कार्रवाई की जायेगी.
कई जगहों पर है आवश्यकता: यातायात व्यवस्था सुचारु रखने के लिए वर्तमान में शहर के तिवारी चौक, प्रशांत सिनेमा मोड़, गंगजला चौक, बंगाली बाजार, शंकर चौक, थाना चौक, दहलान चौक पर वर्तमान में ट्रैफिक पुलिस की तैनाती है. इसके अलावे कोसी चौक, तिरंगा चौक, पंचवटी चौक, कचहरी ढ़ाला, वीर कुंवर सिंह चौक, समाहरणालय, कहरा कुटी, महावीर चौक, चांदनी चौक, रिफ्यूजी चौक सहित अन्य जगहों पर पुलिस जवानों की तैनाती आवश्यक है.
थाना में होंगे 60 पद : यातायात थाना में पुलिस पदाधिकारी सहित जवानों की तैनाती होगी. मिली जानकारी के अनुसार थाना में एक पुलिस निरीक्षक, एक अवर निरीक्षक, दस हवलदार, 40 सिपाही व आठ चालक सिपाही को पदस्थापित किया जाना था. लेकिन छह माह से अधिक प्रस्ताव भेजे जाने के बावजूद थाना स्थापना को लेकर कोई सुगबुगाहट शुरू नहीं हुई है. इससे जहां स्थानीय थाना पर भी भार कम होगा. वहीं यातायात व्यवस्था भी सुढृढ़ होगी.
अनहोनी को आमंत्रित कर रहा है पोल
यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए जिला मुख्यालय में लोहे के पोल से सड़क को दो भागों में बांट कर वन वे करने का प्रशासनिक फैसला खतरनाक साबित हो रहा है. समय रहते यदि यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने का कोई ठोस उपाय नहीं किया गया तो कब कौन सी अनहोनी हो जाय, कहना कठिन है. ज्ञात हो कि सदर थाना में हुई बैठक के बाद प्रशासन व पब्लिक के संयुक्त निर्णय के तहत यातायात पुलिस द्वारा डिवाइडर से सड़क को दो भागों में बांटने की बात कही गयी थी. जिसके कुछ दिन के बाद डिवाइडर में रस्सी बांध सड़क को दो भाग में बांटा गया. लेकिन कुछ दिन बाद उससे हो रही परेशानी को देखते हुए उसे हटा दिया गया. प्रशासनिक स्तर पर फिर से यातायात को सुढृढ़ करने के लिए थाना चौक से शहर की मुख्य सड़कों पर लोहे का पोल लगाने का कार्य शुरू किया गया. जो अब खतरनाक साबित हो रहा है. वाहन चालक के गड्ढे में वाहन के साथ फंस जाने के बाद दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. जिसके कारण सुबह से शाम तक सड़कों पर वाहनों एवं लोगों की भीड़ लगी रहती है. अभी कुछ चौक-चौराहों पर डीएपी व होमगार्ड जवानों से यातायात नियंत्रित किया जाता है, जो नाकाफी है.
नहीं हुई यातायात थाने की स्थापना, भेजा गया था प्रस्ताव
यातायात थाना की स्थापना नहीं होने से शहर में यातायात की व्यवस्था सुदृढ़ करने में परेशानी हो रही है. वर्तमान में सदर थाना के अंतर्गत ही यातायात विंग बनाकर शहर में यातायात को सुचारु रूप से चलाया जा रहा है. लेकिन यदि अलग से थाना की स्थापना की जाती तो जहां सदर थाना के कार्य में भी कुछ कमी आती और यातायात व्यवस्था भी सुचारु रूप से चलता. पूर्व में पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर कवायद शुरू कर दी गयी थी. प्रमंडलीय मुख्यालय होने के कारण सुबह से शाम तक सड़कों पर वाहनों एवं लोगों की भीड़ लगी रहती है. अभी कुछ चौक-चौराहों पर डीएपी व होमगार्ड जवानों से यातायात नियंत्रित किया जाता है, जो नाकाफी साबित हो रहे हैं. यदि शहर में यातायात थाना की स्थापना हो जाती है तो लोगों को काफी सुविधा होगी. राज्य मुख्यालय ने सहरसा को यातायात के मद्देनजर बी ग्रेड में रखकर पुलिस अधीक्षक को पत्र भेज कुछ ऐसे ही प्रस्ताव की मांग की थी. तत्काल यदि थाना को स्थापित कर चलाना चाहे तो सदर थाना के पुराने भवन को इस्तेमाल में लाया जा सकता है. वर्तमान सदर एसडीपीओ सुबोध विश्वास ने यातायात प्रभारी नागेंद्र राम से थाना सृजन के लिए सुझाव मांग एसपी को प्रस्ताव भेज यातायात सुचारू रखने के लिए इसे आवश्यक माना था. एसडीपीओ ने बताया था कि शहर की आबादी डेढ़ लाख है. प्रमंडलीय मुख्यालय होने के कारण सहरसा, सुपौल व मधेपुरा के लोगों का आना-जाना लगा रहता है. वहीं बड़ी रेल लाइन के सहरसा तक ही होने, सड़क की चौड़ाई कम होने, शहर के बीचों बीच रेलवे लाइन होने के कारण शहर दो भागों में बंटा रहने व पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण हमेशा जिला मुख्यालय में यातायात का दबाव बना रहता है. खासकर सहरसा थरबिटिया के बीच जारी अमान परिवर्तन कार्य पूरा होने के बाद व प्लेटफॉर्म बनने के बाद ट्रेनों की संख्या में यदि इजाफा हुआ तो स्थिति विकट हो सकती है.
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