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बिना अतिक्रमण हटाये ही करायी जा रही सफाई
अनदेखी. इनलेट नहर के किनारे बस चुकी है बस्ती रहनेवालों की नालियों का पानी कचरा व गंदगी जाता है नहर में सासाराम नगर : बिना अतिक्रमण हटाये ही शेरशाह मकबरा तालाब के इनलेट नहर की सफाई हो रही है. नहर के दोनों तरफ कई जगहों पर अतिक्रमण कर लोग झोंपड़ी बना लिया गया है. गैस […]
अनदेखी. इनलेट नहर के किनारे बस चुकी है बस्ती
रहनेवालों की नालियों का पानी कचरा व गंदगी जाता है नहर में
सासाराम नगर : बिना अतिक्रमण हटाये ही शेरशाह मकबरा तालाब के इनलेट नहर की सफाई हो रही है. नहर के दोनों तरफ कई जगहों पर अतिक्रमण कर लोग झोंपड़ी बना लिया गया है. गैस एजेंसी मोड़ स्थित वन विभाग कॉलोनी के पीछे इनलेट नहर के किनारे तो एक बस्ती ही बसी हुई है. इनके घरों के नालियों का पानी, कचरा, शौच आदि वर्षों से नहर में ही गिर रहा है.
नहर की सफाई शुरू हुई है और बस्ती यथावत स्थिति में है, तो यह अंदेशा जताया जा रहा है कि कुछ दिन बाद पुनः नहर की वहीं स्थिति हो जायेगी. इसी मोड़ पर जीटी रोड के किनारे चाय-पान व सब्जी की दर्जनों दुकानें है, जिसे हटाया नहीं गया है. दुकानदार अपनी दुकान को आगे पीछे कर वहीं जमे हैं. इन दुकानों का कचरा भी इसी नहर में डाला जाता रहा है. जब तक अतिक्रमण नहीं हटाया जाता है, इनलेट नहर की सफाई सार्थक नहीं हो सकती है.
वर्ष 2010 में भी हुई थी सफाई: वर्ष 2010 में भी इसी तरह इनलेट नहर की सफाई करायी गयी थी.अतिक्रमण से बचते हुए सफाई हुई थी. सफाई के छह वर्ष में ही नहर की वहीं स्थिति हो गयी है. इनलेट नहर क्यों गंदा होता है? इसके दोषी कौन लोग हैं? इस पर प्रशासन के लोग कभी नोटिस नहीं लेते है. मकबरा तालाब में साफ पानी भरने के लिए स्थापना काल में ही इनलेट नहर का निर्माण कराया गया था. विगत 20 वर्षों से मकबरा तालाब का पानी पूरी तरह दूषित हो गया है.
मकबरा का दीदार करने आनेवाले पर्यटक नाक पर रूमाल रख की परिसर में घूमते हैं. गरमी के दिनों में तालाब के पानी के सड़ांध से उस रास्ते से आने जानेवाले लोगों को परेशानी होती है. तालाब में इनलेट नहर पानी भरा जाता है और इसी नहर में नालियों का पानी-कचरा जाता है. वहीं गंदगी पानी के साथ तालाब में जाता है. जिससे मकबरा तालाब का पानी गंदा हो गया है. नहर की सफाई करने में लाखों रुपये खर्च किये जाते हैं. इसकी कोई उपयोगिता नहीं रह जाता है.
मूर्ति विसर्जन व कपड़ा धोने, स्नान करने पर लगी थी रोक: वर्ष 2010 में हाइ कोर्ट के आदेश पर मकबरा तालाब में मूर्ति विसर्जन, स्नान करने व कपड़ा धोने पर रोक लगी थी. बहुत हंगामा हुआ था.
फिर भी प्रतिबंध जारी रहा. ताकि, मकबरा तालाब का पानी गंदा न हो. दिल्ली से पहुंचे विशेषज्ञ भी स्थिति का अवलोकन कर अपनी रिपोर्ट में साफ लिखा है कि प्रदूषित पानी से मकबरा के पत्थर को नुकसान पहुंच रहा है. तालाब की सफाई कर इसमें साफ पानी भरा जाये नहीं तो मकबरा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. इस पर संज्ञान लेते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय से दो अधिकारी मकबरा तालाब के पानी का पुनः जांच कर स्थानीय प्रशासन को तालाब की सफाई करने का निर्देश दिये थे.
पक्कीकरण के बाद किया जायेगा पैक
शेरशाह का मकबरा ऐतिहासिक धरोहर है और इनलेट नहर इससे जूड़ा है. अभी तो इस नहर की सफाई हो रही है. नहर का पक्कीकरण करने के बाद इसे पैक कर दिया जायेगा. जो नाला पहले बना है.
इसकी मरम्मत कर दुरुस्त की जायेगी. नहर के दोनों तरफ सड़क व खूबसूरत पार्क का निर्माण होगा. इनलेट नहर से अतिक्रमण को पूरी तरह हटाया जायेगा. मकबरा तालाब की सफाई होगी. मकबरा से जुड़े इनलेट व आउटलेट, पार्क, परिसर सब चकाचक हो जायेगा. इसमें कोताही की कहीं कोई गुंजाईश नहीं है.
अनिमेष कुमार पराशर, डीएम, रोहतास
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