23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

इलाज की फीस नकद ही चाहिए!

स्वाइप मशीन लगाने के प्रति भी नहीं दिख रही उत्सुकता सासाराम नगर : नोटबंदी के 38 दिन हो चुके हैं. बैंक व एटीएम आदि में भीड़ कम हुई है. वर्तमान समय में भी एक व्यक्ति को सप्ताह में 24 हजार रुपये ही मिल रहे हैं. शुक्रवार से पुराने नोटों का चलन पूरी तरह बंद कर […]

स्वाइप मशीन लगाने के प्रति भी नहीं दिख रही उत्सुकता
सासाराम नगर : नोटबंदी के 38 दिन हो चुके हैं. बैंक व एटीएम आदि में भीड़ कम हुई है. वर्तमान समय में भी एक व्यक्ति को सप्ताह में 24 हजार रुपये ही मिल रहे हैं. शुक्रवार से पुराने नोटों का चलन पूरी तरह बंद कर दिया गया है. अब सिर्फ बैंकों में ही इसे जमा किया जा सकता है़
सरकार के बार-बार अपील व लोगों के पास नये नोटों की कमी के बाद भी शहर में चल रहे निजी अस्पताल कैसलेस सिस्टम अपनाते नहीं दिख रहे हैं. शुक्रवार को प्रभात खबर की टीम ने शहर के निजी क्लिनिकों व दवा दुकानों आदि का पड़ताल किया तो कैश लेने का प्रचलन ही अधिक मिला़ हालांकि, कुछ ने कहा कि स्वाइप मशीन के लिए आवेदन दिया है. निजी अस्पतालवालों को आम लोगों की परेशानी से कोई लेना-देना नहीं है.
उन्हें हर हाल में नकद चाहिए. अधिकतर क्लिनिक वालों ने कहा कि नोटबंदी से हमको क्या लेना देना, हमें नकद ही चाहिए. कुछ ने लोगों की परेशानी को देखते हुए स्वाइप मशीन लगाने की बात कहीं. शहर के एक नामी नर्सिंग होम के चिकित्सक ने इस मामले पर मिलने से ही इनकार कर दिया, तो एक डॉक्टर ने कहा कि इलाज के लिए फीस हमें नकद पैसा चाहिए. स्वाइप मशीन व चेक नहीं चलेगा. जनता को परेशानी है, तो खुद वह उसका समाधान निकाले.
कुछ दे रहे राहत, कुछ कर रहे व्यापारी सा बरताव
शहर में जिले के कोने से सैकड़ों मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. इनमें अधिकतर ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं.आठ नवंबर की रात से नोट बंदी लागू है. 38 दिन बित गये. अभी तक बैंक से भुगतान की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है. आने वाले 15-20 दिनों तक स्थिति में सुधार की गुंजाइश भी कम ही है. लोगों के पास नकदी भी नहीं है. बीमारी को नोटबंदी से लेना-देना नहीं है. लोग बीमार होंगे और इलाज के लिए अस्पताल में जाना ही पड़ेगा़ इस स्थिति में मरीजों या उनके परिजनों का क्या होगा. शहर में कई ऐसे डॉक्टर हैं जो स्थिति को देखते हुए कई तरह से राहत दे रहे हैं, तो कई डॉक्टर मरीजों से पेशेवर व्यापारी की तरह बरताव कर रहे हैं.
निजी अस्पतालों में आने वाले अधिकतर मरीज कहीं न कहीं से नकदी की व्यवस्था कर के आ रहे है. हालांकि, मरीजों की एक बड़ी संख्या नकदी की व्यवस्था नहीं होने से चेक ले कर निजी अस्पतालों की दौड़ लगा रहे हैं. कुछ एटीएम कार्ड से ही काम चलाने की फिराक में हैं, पर अधिकतर को सफलता नहीं मिल रही है़

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें