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शहर में सामान्य हो रहे बैंकों में हालात
नोटबंदी के 30 दिन बाद सासाराम कार्यालय : आज से ठीक एक महीने पहले जब पीएम नरेंद्र भाई मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी, तो रात में ही तरह-तरह की कल्पना लोग करने लगे थे. दो दिन की बंदी के बाद जब बैंक व एटीएम खुले, तो दृश्य कमोबेश वैसा ही था, जैसा अधिकतर […]
नोटबंदी के 30 दिन बाद
सासाराम कार्यालय : आज से ठीक एक महीने पहले जब पीएम नरेंद्र भाई मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी, तो रात में ही तरह-तरह की कल्पना लोग करने लगे थे. दो दिन की बंदी के बाद जब बैंक व एटीएम खुले, तो दृश्य कमोबेश वैसा ही था, जैसा अधिकतर लोग सोच रहे थे. हर जगह लंबी-लंबी कतारें थीं. बैंकों में सर्वत्र मानो युद्ध जैसी स्थिति हो. पर, इस बीच केंद्र सरकार, आरबीआइ और बैंक प्रबंधनों के साथ-साथ बैंककर्मियों ने काफी मेहनत कर चीजों को बदलने का भरपूर प्रयास भी किया है. इस शहर में जो एटीएम खराब थे, वे अब भी खराब ही हैं. लेकिन, लंबी-लंबी कतारों वाली अधिकतर एटीएम के सामने का दृश्य बदल गया है.
लाइनें छोटी हो गयी हैं. 8 दिसंबर दोपहर 2.30 बजे शहर के सिविल लाइंस मुहल्ले में स्थित भारतीय स्टेट बैंक की एटीएम के सामने केवल आठ लोग ही दिख रहे थे.पास के बैंक ऑफ बड़ौदा की एटीएम में गार्ड समेत मात्र दो लोग ही थे. एटीएम से रुपये निकालने वाले उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि एटीएम में मात्र दो हजार के ही नोट निकल रहे हैं.
अभी तक पांच सौ का नोट नहीं डाला जा सका है. 100 के भी नोट नहीं मिल रहे हैं. परेशानी तो हो ही रही है. शहर में कचहरी के समीप स्थित काॅरपोरेशन बैंक की एटीएम में सन्नाटा पसरा था. यानी यहां एक भी ग्राहक नहीं था. राजकालोनी के समीप स्थित इलाहाबाद बैंक व इंडियन ओवरसीज बैंक की एटीएम बंद पायी गयीं. दोनों एटीएम क्यों बंद हैं, इसकी कोई सूचना भी ग्राहकों को नहीं दी गयी है.
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