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पोशाक राशि में धांधली पर अब लगेगा अंकुश
शिक्षा विभाग के सचिव ने डीइओ को पत्र भेज कर दिया निर्देश सासाराम शहर : मुख्यमंत्री पोशाक व बालिका पोशाक योजना के अंतर्गत अब घपला करना आसान नहीं होगा. वित्तीय वर्ष 2016-17 के अंतर्गत बच्चों को पोशाक की राशि देने से पहले शिक्षा विभाग के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव ने संकुल समन्वयक व आरएमएसए के साधनसेवियों […]
शिक्षा विभाग के सचिव ने डीइओ को पत्र भेज कर दिया निर्देश
सासाराम शहर : मुख्यमंत्री पोशाक व बालिका पोशाक योजना के अंतर्गत अब घपला करना आसान नहीं होगा. वित्तीय वर्ष 2016-17 के अंतर्गत बच्चों को पोशाक की राशि देने से पहले शिक्षा विभाग के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव ने संकुल समन्वयक व आरएमएसए के साधनसेवियों के अलावा विभागीय अधिकारियों व प्रखंड साधनसेवियों की जवाबदेही तय कर दी है. या यूं कहें कि उन्हें भी इसके लिए जवाबदेह बना दिया है.
75 प्रतिशत उपस्थिति पर तो योजना का लाभ बच्चों को देना ही है लेकिन, उससे पहले स्कूल द्वारा उक्त उपस्थिति के आधार पर राशि मांग पत्र के सत्यापन की व्यवस्था सचिव ने कर दी है. डीइओ को जारी पत्र में उन्होंने प्रारंभिक विद्यालयों के लिए संकुल समन्वयकों के माध्यम से उनके क्षेत्राधीन सभी प्रारंभिक विद्यालयों द्वारा दिए जा रहे मांग पत्र में वर्णित छात्रों की संख्या, उनके अभिभावकों के नाम, खाता संख्या आदि का भौतिक सत्यापन करने के लिए कहा है. यही नहीं सत्यापन के पश्चात अगर किसी तरह की गड़बड़ी होती है, तो उसके लिए संबंधित पदधारक को जवाबदेह भी ठहराया गया है.
विद्यालयों का सत्यापन करेंगे बीआरसीसी: पत्र में प्रखंड संसाधन केंद्र के साधनसेवियों को भी प्रखंड अंतर्गत 10 से 15 प्रारंभिक विद्यालयों के मांग पत्र का भौतिक सत्यापन करने के लिए कहा गया है. यही नहीं, बिहार शिक्षा परियोजना के जिला स्तरीय प्रारंभिक औपचारिक शिक्षा समन्वयक हर प्रखंड के कम से कम पांच विद्यालयों के मांग पत्रों की सत्यापन करेंगे.
डीपीओ, एसएसए भी करेंगे सत्यापन: जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्वशिक्षा अभियान व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी योजना व लेखा को भी कम से कम 20-20 विद्यालयों के मांगपत्रों के सत्यापन करने का निर्देश दिया गया है. इसी तरह माध्यमिक विद्यालयों के लिए बिहार माध्यमिक शिक्षा अभियान के साधनसेवियों को जिले के सभी माध्यमिक विद्यालयों के मांग पत्रों का सत्यापन करने के लिए कहा गया है.
यही नहीं डीइओ को भी 10 प्रारंभिक व 10 माध्यमिक विद्यालयों व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी माध्यमिक शिक्षा द्वारा 15 से 20 विद्यालयों के मांग पत्रों के सत्यापन करने का निर्देश दिया गया है. पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि सत्यापन के बाद अगर किसी तरह की गड़बड़ी या शिकायत पायी जाती है, तो संबंधित पदधारक उसके लिए जवाबदेह होंगे.
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