सासाराम नगर : जिले में दलालों की बड़ी फौज है. घटना होते ही संबंधित थाना के दलाल सक्रिय हो जाते है. शुरू हो जाता है सेटिंग-गेटिंग का खेल. बाइक छूड़ाने से ले कर हत्या जैसी बड़ी घटनाओं में दलालों की भूमिका बढ़ जाती है. जायज-नाजायज नहीं, पार्टी कितना मालदार है. इसको प्राथमिकता दी जाती है. इन दिनों दलालों का चलन है. पुलिस कर्मियों से ज्यादा दलालों की संख्या है.
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दलाल नहीं रहे, तो कितने को हो जाये जेल
सासाराम नगर : जिले में दलालों की बड़ी फौज है. घटना होते ही संबंधित थाना के दलाल सक्रिय हो जाते है. शुरू हो जाता है सेटिंग-गेटिंग का खेल. बाइक छूड़ाने से ले कर हत्या जैसी बड़ी घटनाओं में दलालों की भूमिका बढ़ जाती है. जायज-नाजायज नहीं, पार्टी कितना मालदार है. इसको प्राथमिकता दी जाती है. […]
सोने की आभूषणों से लदे दलाल बुलेट की सवारी करते शहर के गलियों में शंहशाह की तरह गुजरते हैं. जिसके गले जितनी मोटी चेन वह उतना ही बड़ा दलाल है. प्राथमिकी दर्ज होने से पहले ही मामले की सेटिंग हो जाती है.
जिले में कई ऐसे थाने है जहां थानाध्यक्ष से ज्यादा दलालों की चलती है. हर थाना में दलालों की टीम है. थाना की कुरसी संभालते ही मातहत दलालों की लिस्ट कुंडली सहित थमा देते हैं. कई दलाल तो ऐसे हैं जहां पुलिस के अधिकारी दरबार लगाते है. मामला बड़ा है, तो दलाल ही थानाध्यक्ष को सलाह देते है. क्योंकि, उनकी पहुंच पुलिस के बड़े अधिकारियों तक हैं.
घटनास्थल से शुरू हो जाता है सेटिंग का खेल
कई ऐसे मामले है जिस में अभी घटनास्थल से शव उठा भी नहीं और दलाल सक्रिय हो गये. शुरू हो गया मोल-भाव़ पुलिस के अधिकारी दलालों के इशारे पर चलने लगते है. बात बनी. कितना दे रहा है. देखियेगा मीडिया को कानों-कान खबर नहीं होनी चाहिए. प्राथमिकी में कितना नाम आयेगा. छोड़िए नाम का चक्कर सस्पेक्ट में नाम दे दीजिएगा. सुपरवीजन में देखा जायेगा. पार्टी कैसा है. आपराधिक छवि वाला नहीं होना चाहिए. बहुत परेशानी होगी.
रविवार की घटना है छठ व्रती को बाईक सवार ने ठोकर मार दिया. व्रती घायल हो गया. दुर्घटना में बाइक सवार युवक गिर गये. स्थानीय लोग दोनों युवकों को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिये. बाइक सवार युवक शराब के नशे में धुत थे. ढंग से बोल भी नहीं पा रहे थे. इधर, घायल को इलाज के लिए शहर के निजी क्लिनिक लाया गया. जहां डॉक्टर उसकी गंभीर स्थिति को देख बेहतर इलाज के लिए वाराणसी रेफर कर दिये. अब देखिए दलालों की सक्रियता बढ़ गयी.
घायल का कुशल क्षेत्र पूछने की जगह मामले की सेटिंग शुरू हो गयी और वहीं हुआ. घायल अभी भी बनारस में जीवन मौत से जूझ रहा है और इधर घायल के गोतिया दलालों से सेटिंग कर लिये.हिरासत में लिए गये दोनो युवकों को थाना से छोड़ दिय गया.शराब के नशे में धूत्त हो कर बाइक चलाना उसी दौरान बाईक से हुइ्र दुर्घटना में युवक के गंभीर रूप से घायल होने के बाद भी थाने से रिहाई हो जाती है. ये तो उदाहरण है जिले में इस तरह के कई मामले है. जिला मुख्यालय में स्थित एक थाना ऐसा हे जहां दालों का जमघट लगा रहता है. अपराधी प्रवृति व नशे के कारोबारी व सूदखोर ही इन दिनों दलाली में लगे हैं.
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