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आरक्षण के बाद वर्तमान वार्ड से उखड़ेंगे कई दिग्गजों के पैर

किसकी जायेगी सीट और किसे खड़ा करना पड़ेगा डमी उम्मीदवार होने लगी चर्चा सासाराम कार्यालय : नगर पर्षद का चुनाव आगामी मई, 2017 में होना है. दो बार के बाद तीसरी बार के चुनाव में सरकार ने आरक्षण की स्थिति बदलने का एलान किया है. जिला प्रशासन आरक्षण को लेकर नगर विकास विभाग व सरकार […]

किसकी जायेगी सीट और किसे खड़ा करना पड़ेगा डमी उम्मीदवार होने लगी चर्चा
सासाराम कार्यालय : नगर पर्षद का चुनाव आगामी मई, 2017 में होना है. दो बार के बाद तीसरी बार के चुनाव में सरकार ने आरक्षण की स्थिति बदलने का एलान किया है. जिला प्रशासन आरक्षण को लेकर नगर विकास विभाग व सरकार के पास अपना प्रस्ताव भेज चुका है. राज्य निर्वाचन आयोग में आरक्षण की स्थिति पर मंथन जारी है. आगामी 21 नवंबर को आरक्षण के स्वरूप का प्रकाशन प्रस्तावित है.
इधर, शहर में आरक्षण को लेकर राजनीतिबाज गुणा गणित करने लगे हैं. सरकार के नियम के आलोक में सभी अपने-अपने आरक्षण की सूची जारी कर रहे हैं. अपनी स्थिति को लेकर अधिकतर वार्ड पार्षद सशंकित हैं. वे एक-दूसरे से आरक्षण की स्थिति का जायजा ले रहे हैं. प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2011 की जनगणना को आधार बना, इस बार शहर के 40 वार्डों में आरक्षण लागू होगा. नियम के अनुसार शहर के 40 वार्डों में आरक्षण की संभावित स्थिति निम्न होगी. गौरतलब है कि शहर के 40 वार्डों में एक अनुसूचित जनजाति, एक अनुसूचित जाति महिला, दो अनुसूचित जाति पुरूष, चार पिछड़ा वर्ग महिला व चार पिछड़ा वर्ग पुरुष व 14 अनारक्षित महिला व 14 अनारक्षित पुरुष के लिए आरक्षित होने वाला है.
सासाराम कार्यालय : सासाराम नगर पर्षद के पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी राजीव रंजन प्रकाश को सरकार ने निलंबित कर दिया. सामान्य प्रशासन विभाग ने अपने संकल्प पत्रांक 15423 दिनांक 16 नवंबर, 2016 द्वारा पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी इओ को निलंबित किया है.
संकल्प में सरकार के अवर सचिव ने कहा है कि सीवान नगर पर्षद में पदस्थापन के दौरान एलइडी खरीद व अन्य अनियमितता बरतने के आरोप में उनको निलंबित किया जाता है. निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय प्रमंडलीय आयुक्त सारण का कार्यालय होगा. पत्र में कहा है कि उन्होंने स्पष्टीकरण का जवाब नहीं दिया. इसके अलावा नगर विकास विभाग द्वारा सेवाएं वापस किये जाने के बावजूद विभाग में उनके उपलब्ध नहीं रहने व विभागीय पत्रों का प्रत्युत्तर नहीं देने के आरोप पर सम्यक विचारोपरांत बिहार सरकारी सेवक नियमावली 2005 के प्रावधानों के तहत संकल्प निर्गत होने की तिथि से निलंबित किया जाता है. उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही के संचालन के लिए अलग से आदेश निर्गत किया जायेगा.
गौरतलब है कि सासाराम नगर पर्षद में इओ रहते राजीव रंजन प्रकाश के कार्यकाल में करोड़ों के एलइडी, लैपटॉप, हाइमास्ट लाइट आदि खरीद में अनियमितता उजागर हुई थी. इसमें निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने नप की पूर्व मुख्य पार्षद नाजिया बेगम व उप मुख्य पार्षद सहित उस समय के सशक्त स्थायी समिति के सदस्यों के विरुद्ध मुकदमा भी दर्ज किया है. मामला अभी निगरानी के कोर्ट में चल रहा है. इस मामले भी पूर्व नप इओ के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होने की संभावना बढ़ गयी है.

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