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कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के जन्मदिन पर काटा केक
ससाराम (ग्रामीण) : जिले में विभिन्न जगहों में कांग्रेसियों ने रविवार को कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी का 47वां जन्म दिन मनाया. रोहतास जिला कांग्रेस कमेटी के तत्वावधान में जिला उपाध्यक्ष ज्ञान बहादुर सिंह के आवास पर जिलाध्यक्ष संतोष मिश्र की अध्यक्षता में केक काटा गया. इसके बाद जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में सदर अस्पताल में […]
ससाराम (ग्रामीण) : जिले में विभिन्न जगहों में कांग्रेसियों ने रविवार को कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी का 47वां जन्म दिन मनाया. रोहतास जिला कांग्रेस कमेटी के तत्वावधान में जिला उपाध्यक्ष ज्ञान बहादुर सिंह के आवास पर जिलाध्यक्ष संतोष मिश्र की अध्यक्षता में केक काटा गया.
इसके बाद जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में सदर अस्पताल में मरीजों के बीच फल वितरण किया गया. उपाध्यक्ष राजेश्वर कुशवाहा ने बताया कि राहूल गांधी के जन्म दिन पर उनको बधाई दी गयी. मौके पर रामअवतार राम, राधा प्रसाद, रमेश पांडेय, डॉ. कामेश्वर तिवारी, अभय राम, गुप्तेश्वर पांडेय, विजय प्रताप सिंह, अली हुसैन आदि मौजूद थे. उधर, कोर्ट में जिला महासचिव कन्हैया सिंह की अध्यक्षता में आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि राहूल देश में पार्टी के भविष्य के नेता हैं.
मौके पर लोकेश तिवारी, वीरेन्द्र प्रसाद सिंह, संजय तिवारी, बद्री नारायण चौबे, श्रीश त्रिवेदी, मार्कण्डेय सिंह, सगीर अहमद, विनोद पटेल, श्रीकांत सिंह पटेल, नित्यानंद यादव, सुदर्शन सिंह आदि थे. भारतीय युवा कांग्रेस ने सदर अस्पताल में मरीजों के बीच फल वितरित किया. मौके पर युवा कांग्रेस के अध्यक्ष हीरा कुमार, दीपक कुशवाहा, नवल किशोर, मनीष चौबे, इम्तेयाज अंसारी, विजय लक्ष्मी, खुर्शीदा बेगम, मेहंदी अंसारी आदि थे.
उपाध्यक्ष पर खींचतान
पंचायत चुनाव के बाद जिले में प्रमुख व जिला पर्षद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के होने वाले चुनाव के लिए गहमागहमी बढ़ गयी है. जीत की जुगत में हर तरह से सदस्यों को प्रभावित किया जा रहा है. इसमें जातिगत आधार भी बनाया जा रहा है.
सासाराम (रोहतास) : रोहतास में जिला पर्षद अध्यक्ष पद के लिए राजनीतिक तापमान बढ़ने लगा है. इस बार अध्यक्ष से अधिक उपाध्यक्ष पद के लिए राजनीतिक जोड़-तोड़ हो रही है. इसके पीछे का कारण स्पष्ट है कि अध्यक्ष का पद अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित है. जबकि, उपाध्यक्ष का पद सामान्य है. इस लिए जिला पर्षद अध्यक्ष की लड़ाई चंद महिलाएं ही शामिल होंगी तो उपाध्यक्ष पद के लिए करीब 10 उम्मीदवारों के नाम सामने आ चुके हैं. जानकारों की माने तो आज की पूरी राजनीति जाति आधारित हो गयी है. वह चाहे मुखिया का चुनाव हो या विधायक का. जिला पार्षद भी इससे अछुते नहीं हैं.
जातीय गोलबंदी पर ही अधिकतर उम्मीदवार चुनाव जीतते हैं. ऐसे में उपाध्यक्ष के पद के लिए जातीय गणित के भी हावी रहने की उम्मीद है. इसमें दिलचस्प पहलू यह है कि कुल 33 पार्षदोंवाले जिला पर्षद में वर्तमान में यादव जाति के आठ पार्षद हैं, जो कुल संख्या के 25 प्रतिशत हैं. ऐसे में अध्यक्ष बनाने में उनकी अहम भूमिका मानी जा रही है. सूत्रों की माने, तो जब अध्यक्ष बनाने की बात होगी, तो उपाध्यक्ष पद के लिए दावेदार इन्हीं का हो सकता है. संख्या के आधार पर इनकी दावेदारी प्रबल है. इसके लिए जातीय गोलबंदी भी शुरू हो चुकी है.
पिछले दिनों शहर के ताराचंडी धाम के समीप एक होटल में पार्षदों की बैठक में एक साथ रहने की बात पर निर्णय होने की बात भी सामने आ रही है़ लेकिन, उपाध्यक्ष कौन होगा, इस पर बात अभी नहीं बन पायी है. अध्यक्ष का पद महिला है, तो उपाध्यक्ष कोई पुरुष हो इस पर मंत्रणा का दौर जारी है. जातीय गणना पर नजर डाली जाये, यादवों के बाद अगड़ी जाति में राजपूत समाज के तीन व मात्र एक ब्राह्मण हैं. ऐसे में उनका गणित फिट बैठता नजर नहीं आ रहा है. अन्य जातियों की संख्या कम होने से यादवों की ओर ही सबकी नजरें टिकी है.
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