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हत्या में आजीवन कारावास
ससाराम (कोर्ट) : अष्ठम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मधुकर कुमार की अदालत ने हत्या के मामले में दोषी पाते हुए आरा के जगदेव नगर निवासी विकास रंजन सिंह उर्फ गोलू को आजीवन कारावास के साथ अर्थ दंड की सजा सुनायी है. उक्त मामला कोचस थानाध्यक्ष राजीव नयन सिंह ने दर्ज करायी थी. इसमें कहा […]
ससाराम (कोर्ट) : अष्ठम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मधुकर कुमार की अदालत ने हत्या के मामले में दोषी पाते हुए आरा के जगदेव नगर निवासी विकास रंजन सिंह उर्फ गोलू को आजीवन कारावास के साथ अर्थ दंड की सजा सुनायी है. उक्त मामला कोचस थानाध्यक्ष राजीव नयन सिंह ने दर्ज करायी थी.
इसमें कहा था कि अभियुक्त विकास रंजन सिंह उर्फ गोलू अपने साथी के साथ मोहनिया से स्काॅर्पियो भाड़ा पर ले कर चलाता था. गाड़ी के कोचस पहुंचने पर अपने साथियों के साथ मिल कर चालक कटरा कलां मोहनियां निवासी मोख्तार अंसारी को गोली मार कर हत्या कर दिया व उसके शरीर को एनएच-30 पर गर्ल्स स्कूल के सामने वाहन से नहर में फेंक दिया. पुलिस ने आरोपित को नौवा काॅलेज मोड़ के पास गाड़ी व लोडेड कट्टा के साथ पकड़ा था.
न्यायालय ने आरोपित को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व 10 हजार रुपये अर्थ दंड व भादवि की धारा 394 में 10 साल व पांच हजार रुपये अर्थ दंड व भादवि की धारा 411 में दो साल की सजा सुनायी है. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. अर्थ दंड नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी. अन्य दो आरोपितों का विचारण अलग से चल रहा है.
उधर, सत्र वाद संख्या 572/2014 में जानलेवा हमले के मामले में दो आरोपितों को दोषी पाते हुए 10 वर्ष व छह वर्ष की सजा सुनायी है. अपर लोक अभियोजेक श्रीकांत सिंह के अनुसार सासाराम दरिगांव थानाक्षेत्र के कादिरगंज निवासी विनोद गोड़ ने जानलेवा हमले की प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें कहा था कि वह चार मई, 2014 की रात में अपने ससुराल धौडाढ़ से लोट रहे थे. मेंहदिया मोड़ के पास अभियुक्तगण कादिरगंज निवासी विकाउ बिंद व पप्पू सोनकर उनकी गाड़ी को रोक दिये. पूछने पर विकाउ बिंद कट्टा से फायर किया. जो उनके पीठ में लगी. वह तथा उनके साथी वहां से भाग गये.
गांववाले उनका इलाज सदर अस्पताल में कराये. विचारण के दौरान कुल आठ गवाहों की गवाही हुई कोर्ट ने आरोपित बिकाउ बिंद को 10 साल की कारावास व 10 हजार रुपये अर्थ दंड व आर्म्स एक्ट में दोषी पाते हुए पांच साल व पांच हजार रुपय अर्थ दंड तथा 341 में दोषी पाते हुए एक माह की सजा सुनायी है. अर्थ दंड नहीं देने पर अभियुक्त को नौ माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी. एक अन्य अारोपित पप्पू सोनकर को भादवि की धारा 307/34 में दोषी पाते हुए छह साल की कारावास व पांच हजार रुपये अर्थ दंड की सजा सुनायी है. अर्थ दंड नहीं देने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी. सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी.
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