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विधायक ने की शैक्षणिक स्थिति में सुधार की मांग
सासाराम (सदर) : शिक्षा बजट पर सरकार के पक्ष व विपक्ष के कटौती के विरोध करगहर विधायक वशिष्ठ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब 2005 में मुख्यमंत्री बने थे तब से शिक्षा में गुणात्मक विकास हुआ है. छोटे-छोटे गांवों में विद्यालय नहीं हुआ करता था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में छोटे-छोटे गांवों […]
सासाराम (सदर) : शिक्षा बजट पर सरकार के पक्ष व विपक्ष के कटौती के विरोध करगहर विधायक वशिष्ठ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब 2005 में मुख्यमंत्री बने थे तब से शिक्षा में गुणात्मक विकास हुआ है.
छोटे-छोटे गांवों में विद्यालय नहीं हुआ करता था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में छोटे-छोटे गांवों में प्राथमिक विद्यालय खोला गया. जहां, विद्यालय में छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ गयी.
प्राथमिक विद्यालय को मध्य विद्यालय में उत्क्रमित, मध्य विद्यालय को उच्च विद्यालय में उत्क्रमित व उच्च विद्यालय को प्लस टू में उत्क्रमित कर ग्रामीण स्तर तक इंटर का पठन-पाठन कराने का काम किया. उन्होंने मुख्यमंत्री से अंगरेजी विषय को अनिवार्य करने की मांग की, जिससे छात्रों की अंगरेजी मजबूत हो सके. बीएड कॉलेज की फीस डेढ़ लाख व दो लाख है, उसको कम करने की मांग की. ताकि, गरीब छात्र बीएड में पढ़ाइ कर सके.
शिक्षकों को मध्याह्न भोजन के जिम्मेवारी से मुक्त रखा जाए. इससे पठन-पाठन बाधित न हो व सभी इंटर स्कूलों में पूर्ण कालिक प्रधानाध्यापक पदस्थापित किया जाये. करगहर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय पथलपुरा, भगवानपुर, खोडेया, तिलकापुर व प्रयागपुर में आठ साल से नवसृजित प्राथमिक विद्यालय हैं, लेकिन जमीन के विवाद में अभी तक भवन निर्माण नहीं हुआ है. इसे पूरा कराया जाये. विधायक की इस मांग पर जदयू नेता रिंकु सिंह ने खुशी जाहिर की है.
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