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हत्या के एक मामले में तीन सगे भाइयों को आजीवन कारावास
अर्थ दंड के 60 हजार रुपये मृतक के पिता को देने का आदेश सासाराम (कोर्ट) : नवम् अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजकुमार की अदालत ने 14 वर्षीय बालक की निर्मम हत्या में दोषी पाते हुए तीन सगे भाइयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 20-20 हजार रुपये अर्थ दंड की सजा […]
अर्थ दंड के 60 हजार रुपये मृतक के पिता को देने का आदेश
सासाराम (कोर्ट) : नवम् अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजकुमार की अदालत ने 14 वर्षीय बालक की निर्मम हत्या में दोषी पाते हुए तीन सगे भाइयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 20-20 हजार रुपये अर्थ दंड की सजा सुनाई है. अपर लोक अभियोजक महेंद्र कुमार शुक्ला ने बताया कि काराकाट थाने के मझरिया निवासी फुलेंद्र रजवार ने काराकाट थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
इसमें बताया था कि उनकी बेटी के साथ हुए छेड़-छाड़ की घटना से रंज हो कर व दुश्मनी से ग्रसित हो कर उनके गांव के तीन सगे भाइयों मोहन रजवार, मदन रजवार व छोटे लाल रजवार ने मिल कर 23 नवंबर, 2013 को 11 बजे रात में सूचक के 14 वर्षीय बेटा बाबुधन को उसके घर के निकट स्थित उसके मड़ई में गला दबा कर हत्या कर दिया. उक्त मामले में अभियोजन की ओर से कोर्ट में छह गवाहों की गवाही करायी गयी. जिन्होंने घटना का समर्थन किया था.
न्यायालय द्वारा तीनों सगे भाइयों को 14 वर्षीय नाबालिग बाबूधन की हत्या में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व 20-20 हजार रुपये अर्थ दंड की सजा सुनायी है. अर्थ दंड के रुपये की चसूली धरा 421 के तहत की जायेगी व कुल राशि 60 हजार रुपये मृतक के पिता फुलेंद्र रजवार को दी जायेगी. उनकी अनुपस्थिति में सूचक के परिजनों को दी जायेगी.
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