सासाराम : शहर में अब नया चापाकल नहीं लगेगा. नया चापाकल लगाने पर सरकार ने रोक लगा दी है. पूरे सूबे में सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल योजना चल रहा है. अपने शहर में में भी जल मिनारों का निर्माण व पाइप बिछाने का काम जोर-शोर से चल रहा है.
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शहर में नहीं लगेगा नया चापाकल अधिकतर पुराने हो चुके हैं जमींदोज
सासाराम : शहर में अब नया चापाकल नहीं लगेगा. नया चापाकल लगाने पर सरकार ने रोक लगा दी है. पूरे सूबे में सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल योजना चल रहा है. अपने शहर में में भी जल मिनारों का निर्माण व पाइप बिछाने का काम जोर-शोर से चल रहा है. […]
इस योजना को पूर्ण कराने की जिम्मेदारी बुडको को दी गयी है, लेकिन कार्य पूरा होने में अभी काफी वक्त लगेगा. शहर में करीब दो सौ चापाकल है. जिसमें आधा चापाकल मरम्मती के अभाव में बंद हो गया है. कई चापाकल मरम्मत व देख भाल के अभाव में जमींदोज हो गया है.
गर्मी शुरू होते ही लोगो को चापाकलों की सुखने का भय सताने लगा है. जानकार बताते हैं कि गर्मी के शुरुआती 20 दिनों में स्थिति बदतर हो सकती है. भू-जल तेजी से खिसकेगा और अधिकांश चापाकल बंद हो जायेंगे. नगर पर्षद अभी चापाकलों की स्थिति का सर्वे करा रही है. सर्वे के बाद टीम मरम्मत काम शुरू करेगी.
शहर के अधिकतर लोगों को नहीं मिलता नल जल योजना का लाभ
अभी जो स्थिति बन रही है, उस गर्मी में पेयजल के लिए लोगो को काफी परेशानी उठानी पड़ेगी. यह तो निश्चित है कि मई शुरू होते ही अधिकतर चापाकल बंद हो जायेंगे. पेयजलापूर्ति पर लोगो की निर्भरता बढ़ जायेगी.
पेयजल की नयी योजना का कार्य अभी अधूरा है. पुराने योजना का लाभ अधिकांश लोगो को नहीं मिलता है. शहर के कई ऐसे वार्ड है जहां सप्लाई का पानी नहीं पहुंचता है. जिस वार्ड में सप्लाई का पानी पहुंच रहा है उस वार्ड में भी बड़ी संख्या में पेयजल कनेक्शन से वंचित है. शहर के दक्षिणी क्षेत्र में स्थिति और बदतर है.
इस क्षेत्र में सप्लाई का पानी नही पहुंच पाता है. लोग चापाकलों पर निर्भर है. इधर के इलाकों में लगे चापाकल मई शुरू होने से पहले ही बंद हो जाते है. लोग ठेला व साइकिल से ग्रामीण क्षेत्रों से पानी ढोकर लाते हैं. नगर पर्षद नियमित रूप से पानी का टैंकर भी नहीं भेजता है. इतनी लचर व्यवस्था में लोगों को कितनी परेशानी उठानी पड़ती है. इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है.
नये चापाकल लगाने पर है रोक, खराब की जल्द करा दी जायेगी मरम्मत
शहर में नया चापाकल लगाने पर विभाग ने ही रोक लगा दी है. पहले से लगे चापाकलों के स्थिति का सर्वे कराया जा रहा है. एक सप्ताह में खराब पड़े चापाकलों की मरम्मत करा दी जायेगी. नल का जल योजना पूर्ण होने में अभी विलंब होगा. शहर के दक्षिणी क्षेत्रों में स्थिति पर नजर रखी जा रही है.
जहां सप्लाई की पानी नहीं पहुंचता है वहां पाइप बिछा पानी पहुंचाने का प्रयास किया जायेगा. इसके बाद भी परेशानी होने पर उस इलाके में नियमित रूप से पानी का टैंकर भेजा जायेगा. बुडको के कार्यशैली से शहर के लोगो में काफी नाराजगी है. बुडको कार्य कराने के रवैये में सुधार नहीं लाता है तो इसकी शिकायत वरीय अधिकारियों से की जायेगी.
कुमारी हिमानी, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पर्षद, सासाराम
योजना के पूरा होने में लगेंगे दो वर्ष
मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत शहर में नल-जल योजना का काम चल रहा है. शहर में सात जगहों पर जलमीनार का निर्माण कार्य चल रहा है. साथ ही कई वार्डों में पाइप बिछाने का कार्य भी शुरू है, लेकिन कार्य करने की जो रफ्तार है उसे देखते हुए लगाता है कि इस योजना को पूर्ण होने में अभी दो वर्ष और लग सकता है. अभी शहर के बाहरी क्षेत्रों में पाइप बिछाया नहीं जा सका है.
शहर के अंदर सघन क्षेत्र के संकरी गलियों में पाइप बिछाने में काफी समय लगेगा. इस योजना की जिम्मेदारी बुडको को है. बुडको की लापरवाही से इस योजना के कार्य में तेजी नहीं आ रहा है.
बुडको के देख-रेख में तीन वर्षों से बस पड़ाव का निर्माण कार्य चल रहा है. जो निश्चित समय से एक वर्ष विलंब है अभी निर्माण कार्य पूरा होने में काफी समय लगेगा. इसी तरह शहर में ड्रेनेज निर्माण कार्य बुडको करा रहा है. ड्रेनेज का निर्माण कार्य भी चार-पांच महीने से बंद है. नल-जल योजना का भी यही हाल होगा. दो वर्ष में भी लोगो के घरों तक नल का जल पहुंच जाये तो यह बड़ी बात होगी. इस मामले में नगर पर्षद भी कम दोषी नहीं है.
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