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14 से वर्दी व वेतन के लिए सफाईकर्मी करेंगे हड़ताल
चेतावनी. सौ दिनों में नगर सरकार चली दो कदम, गतिरोध जारी पार्षद व इओ के बीच के द्वंद्व को लेकर प्रभावित हो रहा काम सासाराम कार्यालय : शहर की नयी सरकार के सौ दिन पूरे हो गये हैं. इन सौ दिनों में नगर सरकार मात्र दो कदम ही चल सकी है. इन दो कदमों में […]
चेतावनी. सौ दिनों में नगर सरकार चली दो कदम, गतिरोध जारी
पार्षद व इओ के बीच के द्वंद्व को लेकर प्रभावित हो रहा काम
सासाराम कार्यालय : शहर की नयी सरकार के सौ दिन पूरे हो गये हैं. इन सौ दिनों में नगर सरकार मात्र दो कदम ही चल सकी है. इन दो कदमों में एक कदम सशक्त स्थायी समिति की बैठक, जिसमें कुछ एजेंडे थे. दूसरा कदम नगर पर्षद बोर्ड की बैठक, जिसमें मात्र एक एजेंडा कार्यपालक पदाधिकारी को हटाने को लेकर हुई थी. यानी इन सौ दिनों में मात्र दो बैठकें ही हो सकी हैं.
जबकि नियमत: बोर्ड की बैठक प्रतिमाह कम से कम एक और सशक्त स्थायी समिति की प्रतिमाह में दो बैठकें होनी चाहिए. लेकिन, ऐसा नहीं हो सका है. पिछले 33 दिनों से 30 नगर पार्षद सरकार द्वारा कार्यपालक पदाधिकारी के हटाये जाने का इंतजार कर रहे हैं. वह अपना निर्णय दे चुके हैं.
इससे पीछे हटने को तैयार नहीं और सरकार की चाल ऐसी है कि अबतक इस मुद्दे पर क्या निर्णय हुआ, किसी को पता नहीं. इस दौरान दुर्गा पूजा व मुहर्रम का त्योहार सिर पर आ चढ़ा है. अब सफाई कर्मचारी आगामी 14 सितंबर से वर्दी व वेतन की मांग को लेकर हड़ताल की चेतावनी दे चुके हैं. वर्दी भत्ता के साथ दो माह का वेतन उन्हें नहीं मिला है. आलम यह है कि अगर हड़ताल होने पर शहर की स्थिति नारकीय हो जायेगी. त्योहार के समय लोगों को काफी फजीहत उठानी पड़ेगी.
बैठक के अभाव में नहीं हो रही व्यवस्था
नौ जून को नगर पर्षद की मुख्य पार्षद कुर्सी कंचन देवी ने संभाली थी. उन्हें भारी बहुमत मिला था. 28 जून को सशक्त स्थायी समिति का गठन हुआ था. और सशक्त स्थायी समिति की पहली बैठक दो अगस्त को हुई थी.
जिसमें कुछ एजेंडे पास किये गये थे. उक्त एजेंडे में एक था, शहर में प्रकाश, सड़क मरम्मत आदि की व्यवस्था कराना. उक्त मुद्दे पर समिति ने बैठक में निर्णय लिया था कि इसकी कार्य योजना व प्राक्कलन बना कर समिति के समक्ष रखा जाये. समिति की बैठक ही नहीं हुई कि उसमें कुछ रखा जा सके. दुर्गा पूजा व मुहर्रम शुरू होने में चंद दिन शेष हैं. देखना है कि सशक्त स्थायी समिति क्या करती है?
नप बोर्ड की बैठक की राह देख रहे लोग
नगर सरकार के गठन के करीब 62 दिन बाद बोर्ड की पहली बैठक हुई थी. उक्त बैठक में मात्र एक एजेंडा था, कार्यपालक पदाधिकारी को हटाने का. एजेंडा 30 पार्षदों के समर्थन के साथ पारित हो गया. आनन-फानन सरकार व जिला प्रशासन को इससे अवगत कराया गया. लेकिन, बैठक के 33 दिन बीत गये और मामले का हल नहीं निकला. कार्यपालक पदाधिकारी के सवाल पर सरकार ज्यों की त्यों है. नगर सरकार भी चुप बैठी हुई है. न बैठक हो रही है और न कोई बड़ा काम. दो टेंडर स्थगित हो चुके हैं. दिखाने के लिए नगर सरकार के पास कुछ नहीं है.
हमने निर्णय लिया है, अब सरकार की बारी
हमने निर्णय लिया है. उस पर सरकार को निर्णय लेना है. कर्मचारियों के हड़ताल सूचना मिली है. उस पर विचार किया जायेगा. बजट के अभाव में काम प्रभावित हो रहा है.
कंचन देवी, मुख्य पार्षद, नगर पर्षद सासाराम
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