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अमर सिंह हत्याकांड में पत्नी के कमरे की कुर्की

डेढ़ साल बाद पुलिस की कार्रवाई में दिखी तेजी फरार घोषित करने से पहले पुलिस ने की कार्रवाई सासाराम नगर : मुफस्सिल थाना क्षेत्र के लेरूआ निवासी डीएलडब्ल्यू, वाराणसी में इंजीनियर रहे अमर सिंह हत्याकांड मामले में पुलिस आरोपित के घर कुर्की की कार्रवाई की है. हत्याकांड में मुख्य आरोपित पत्नी मीनू सिंह के कमरे […]

डेढ़ साल बाद पुलिस की कार्रवाई में दिखी तेजी

फरार घोषित करने से पहले पुलिस ने की कार्रवाई
सासाराम नगर : मुफस्सिल थाना क्षेत्र के लेरूआ निवासी डीएलडब्ल्यू, वाराणसी में इंजीनियर रहे अमर सिंह हत्याकांड मामले में पुलिस आरोपित के घर कुर्की की कार्रवाई की है. हत्याकांड में मुख्य आरोपित पत्नी मीनू सिंह के कमरे का सभी समान कुर्क कर थाने ले आयी. थानाध्यक्ष जगनिवास सिंह ने बताया कि इंजीनियर हत्याकांड में मुख्य आरोपित पत्नी थी, जो घटना के बाद से ही फरार है. इस मामले में कोर्ट से कुर्की का आदेश मिलने पर उसके ससुराल यानी मृतक के घर उसके कमरे का सभी समान जब्त कर थाने लाया गया. इसके बाद भी आरोपित सरेंडर नहीं करती है, तो उसकी गिरफ्तारी के लिए इनाम रखने कि प्रक्रिया की जायेगी. इधर, जैसे ही पुलिस कुर्की के लिए लेरूआ पहुंची, ग्रामीणों की भीड़ जुट गयी.
11 जून, 2017 को मुफस्सिल थाने की पुलिस फैजाबाद (उत्तर प्रदेश) पहुंची. वहां मृतक के ससुर रामरतन सिंह कृषि महाविद्यालय में प्रोफेसर है. पत्नी मीनू सिंह वहीं छिप कर रहती थी. पुलिस की भनक लगते ही मीनू सिंह वहां से फरार हो गयी. लेकिन, आरोपित रामरतन सिंह पकड़ा गया. पुलिस गिरफ्तार कर सासाराम ले आयी.
मृत पति को देखने भी नहीं आयी थी मीनू सिंह: 21 नवंबर को इंजीनियर अमर सिंह का शव बरामद हुआ. घटना की जानकारी होते ही सभी रिश्तेदार पड़ोसी, गांव के लोग का हुजूम उमड़ पडा. मगर पत्नी मीनू सिंह पति को देखने नहीं पहुंची. मृतक का भाई अनिल सिंह ने बताया कि वह उस समय सासाराम में ही थी. वह खुद भी नहीं आयी और बच्चों को भी नहीं भेजी. इससे जाहीर होता है कि मेरे भाई कि हत्या उसने करायी है. कौन ऐसी पत्नी होगी, जो अपने पति का अंतिम दर्शन करने नहीं आयेगी.
आरोपित पत्नी मीनू का सामान कुर्क कर ले गयी पुलिस
पेड़ से लटकता हुआ मिला था शव
इंजीनियर अमर सिंह का शव 21 नवंबर, 2015 को एसपी जैने कॉलेज के समीप एक पेड़ से लटकता हुआ मिला था. पुलिस इसे आत्महत्या बता रही थी. जबकि, पीड़ित परिजन इसे हत्या कर शव लटकाने का मामला बता रहे थे. मृतक के छोटे भाई के बयान पर 22 नवंबर, 2015 को पुलिस पत्नी मीनू सिंह, ससुर रामरतन सिंह, साढ़ू अमरजीत सिंह, मीनू के मामा राजेंद्र सिंह व दिनेश के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की. 28 मार्च, 2016 को पत्नी मीनू सिंह के खिलाफ वारंट निकला, मीनू सिंह इसके बाद भी करगहर थाना क्षेत्र के डिभियां हाइ स्कूल में पढ़ाती रही. पुलिस उसे गिरफ्तार करना मुनासिब नहीं समझी. दो अप्रैल को दूसरे आरोपित मृतक के साढ़ू अमरजीत सिंह को पुलिस गिरफ्तार कर ली. उधर, मुख्य आरोपित की गिरफ्तारी के लिए मृतक के छोटे भाई अनिल सिंह व माता राजमुनी देवी जिला मुख्यालय से लेकर मुख्यामंत्री कार्यालय तक दौड़ लगाते रहे. पटना पुलिस मुख्यालय से कड़ी फटकार के बाद पुलिस सक्रिय हुई.

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