परेशानी. कर्ज लेकर किसानों ने की थी खेती, अब कैसे चलेगा घर परिवार
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आंधी से मक्के की फसल बरबाद
परेशानी. कर्ज लेकर किसानों ने की थी खेती, अब कैसे चलेगा घर परिवार तीन बजे सुबह में आयी तेज हवा के साथ आंधी व मूसलधार बारिश ने गेंहूं व मक्के की फसल को बरबाद कर दिया जिससे किसान परेशान हैं. बायसी : प्रखंड अंतर्गत बनगामा पंचायत के मड़वा गांव के किसानों की मक्के की फसल […]
तीन बजे सुबह में आयी तेज हवा के साथ आंधी व मूसलधार बारिश ने गेंहूं व मक्के की फसल को बरबाद कर दिया जिससे किसान परेशान हैं.
बायसी : प्रखंड अंतर्गत बनगामा पंचायत के मड़वा गांव के किसानों की मक्के की फसल का आंधी में काफी नुकसान हुआ है. जानकारी अनुसार तीन बजे सुबह तेज हवा के साथ आंधी एवं मूसलाधार बारिश हुई. बारिश से जहां गरमा धान में फायदा हुआ उससे कहीं ज्यादा आंधी से मक्का की फसल बरबाद हो गयी.
मड़वा गांव के कमलदेव बोसाक, राम नारायण बोसाक, चंदन बोसाक, फरमूज आलम, फैयाज आलम एवं सादीक आलम ने बताया कि आंधी से मक्का की फसल खेत में धराशायी हो गई. जो फसल अभी खेत में धराशायी है वह अब सूख जायेगी और उसमें मक्का बहुत कम होगा. वहीं बनगामा गांव के मुजाहीर आलम ने बताया कि कर्ज लेकर 2 बीघा मक्का की खेती की थी.
मगर आंधी से उसकी फसल चौपट हो गयी.
नजीर एवं गौसा ने बताया कि जो फसल खेत में कच्ची थी वह अब आंधी से गिर गयी और जिन फसलों की तैयारी हो रही थी वह अब पानी लगने से खराब हो चुकी है. अमौर प्रतिनिधि के अनुसार, प्रखंड क्षेत्र में देर रात से हो रही बारिश के कारण गेहूं एवं मकई फसल लगाने वाले किसानों को व्यापक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. प्रखंड क्षेत्र में ज्यादातर किसानों ने गेहूं एवं मकई कि खेती की है. मौसम में अचानक बदलाव के कारण कटी हुई फसल बारिश में भीग जाने के कारण बरबाद हो रही है जिससे किसानों में हताशा का माहौल व्याप्त है. वहीं गरमा धान लगाने वाले किसानों में हर्ष का माहौल है. गेहूं एवं मकई लगाने वाले किसानों में गम का माहौल है.
जानकीनगर. थाना क्षेत्र में तीन दिनों से हो रही रूक-रूक कर बारिश और अचानक तेज हवा चलने से किसानों की फसलों को व्यापक तौर पर नुकसान पहुंचा है. खास कर उक्त किसानों की समस्या ज्यादा बढ़ गयी है, जिनके खेतों में मक्का या सूर्यमुखी की फसलें बड़ी हो चुकी है. क्षेत्र के रामपुर तिलक पंचायत निवासी शोभित लाल यादव, अशोक यादव, अशोक शर्मा, संतोष कुमार आदि ने बताया कि खेतों में गिरी फसलों को देख कर रोना आता है. उन्होंने बताया कि जो फसलें जमीन पर गिर गयी उन्हें अब बचाया नहीं जा सकता. किसानों ने कहा कि हर वर्ष बेमौसम बारिश और आंधी तूफान में फसलों की क्षति हो रही है. ऐसे मे अब किसानी मुश्किल लगने लगी है.
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