माइक्रोवेव में बैठे लोगों के कारण होता है सिस्टम फेल
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बीएसएनएल फोन बीमारू व्यवस्था का शिकार
माइक्रोवेव में बैठे लोगों के कारण होता है सिस्टम फेल पूर्णिया : देश की सबसे बड़ी संचार व्यवस्था बीएसएनएल का हाल बेहाल है. चलते-चलते बीएसएनएल का आउट ऑफ सर्विस हो जाना इसकी पहचान बन चुकी है. यहां के हजारों मॉडम यूजर व टेलिफोन उपभोक्ता इस बीमारू व्यवस्था के शिकार हो रहे हैं. लोग शिकायत लेकर […]
पूर्णिया : देश की सबसे बड़ी संचार व्यवस्था बीएसएनएल का हाल बेहाल है. चलते-चलते बीएसएनएल का आउट ऑफ सर्विस हो जाना इसकी पहचान बन चुकी है. यहां के हजारों मॉडम यूजर व टेलिफोन उपभोक्ता इस बीमारू व्यवस्था के शिकार हो रहे हैं. लोग शिकायत लेकर आते हैं,लेकिन इस शिकायतों पर सुनवाई नहीं होती.जिससे यहां के उपभोक्ताओं का अब बीएसएनएल के प्रति मोह भंग होने लगा है. शहर में लगभग तेरह सौ के आस पास मॉडम यूजर हैं.जबकि हजारों की संख्या में टेलीफोन उपभोक्ता हैं. अचानक सेवा बाधित होना इसकी स्थायी समस्या है.
जिसके कारण यहां के तमाम उपभोक्ता परेशान हैं. आश्चर्य इस बात की है कि रोजाना दर्जनों लोग मॉडम लेकर बीएसएलएल कार्यालय पहुंचते हैं,लेकिन उनकी समस्या का समाधान बताने वाला कोई नहीं होता है.लोग मॉडम व टेलिफोन का रिसीवर लेकर यहां से वहां तक का चक्कर लगाने को बाध्य हैं. जानकार बताते हैं कि मॉडम की समस्या को ठीक करने के लिए प्रशिक्षित कर्मी नहीं है. जिसके कारण यहां बीएसएनएल की यह दुर्दशा हो रही है.ऐसा नहीं कि बीएसएनएल के पास मैन पावर की कमी है.लेकिन उनके लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था नहीं की गयी है. लिहाजा पोल के खंभे पर चढ़ कर टेलीफोन ठीक करने वाले अप्रशिक्षित लाइन मैन ही मॉडम की समस्या दूर करते हैं. वहीं दूसरी ओर तार कटने की समस्या को टेलीफोन व मॉडम फेल होने का बहाना बना कर विभाग अपना पल्ला झाड़ लेती है.जबकि विभाग के पास भारी संख्या में मैन पावर उपलब्ध है. जानकार बताते हैं कि कस्टमर सर्विस सेंटर में सिंगल विंडो सिस्टम से समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है.लोगों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए यहां से वहां तक की दौड़ लगानी पड़ती है.जबकि होना चाहिए कि तकनीकी व सूचनात्मक विभाग एक ही स्थान पर होना चाहिए. ताकि उपभोक्ताओं की शिकायत का समाधान एक ही विंडो के माध्यम से हो सके. यहां दो प्रकार की लाइने काम करती है. एक लंबी दूरी की,दूसरा नजदीकी दूरी की. लंबी दूरी के लिए संसाधन हाइफाई होने के कारण उसमें कम समस्याएं उत्पन्न होती है.
कहते हैं एसडीओ
इस संबंध में एसडीओ आरके ठाकुर ने कहा कि तार के कटने व संसाधनों के अभाव के कारण यह समस्या उत्पन्न होती है. यदि बीएसएनएल को विकसित करना है तो संसाधन उपलब्ध कराना ही होगा.
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