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सास-ससुर बोले, हमारी जान भी है अब खतरे में

पूर्णिया : वर्ष 2015 की सबसे चर्चित मर्डर मिस्ट्री की सूत्रधार व साजिशकर्ता काजल झा अब पूर्णिया केंद्रीय कारा से बाहर आ चुकी है. उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिये जाने के बाद 27 नवंबर से जेल में बंद काजल 24 दिसंबर को रिहा हो गयी. इससे पूर्व काजल के प्रेमी भागलपुर जिले के बीहपुर थाना […]

पूर्णिया : वर्ष 2015 की सबसे चर्चित मर्डर मिस्ट्री की सूत्रधार व साजिशकर्ता काजल झा अब पूर्णिया केंद्रीय कारा से बाहर आ चुकी है. उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिये जाने के बाद 27 नवंबर से जेल में बंद काजल 24 दिसंबर को रिहा हो गयी. इससे पूर्व काजल के प्रेमी भागलपुर जिले के बीहपुर थाना क्षेत्र के मरूआ निवासी इंजीनियरिंग छात्र ऋषिकेश यादव को जुलाई में ही जमानत मिल चुकी थी.

जेल से रिहा होने के बाद काजल तीन दिनों तक स्थानीय एक होटल में रही और उसने ससुराल वालों पर घर वापसी का दबाव बनाया. वहीं एक घटनाक्रम में मृत बौआ के पिता मोहन झा व मां अनमोल देवी ने पुलिस अधीक्षक निशांत कुमार तिवारी से मिल कर सुरक्षा की गुहार लगायी है. एसपी से गुहार लगाने के बाद काजल अचानक पूर्णिया छोड़ कर अन्यत्र चली गयी है. बहरहाल काजल के जेल से वापस आने के बाद ससुराल वालों में खलबली मची हुई है. काजल के सास-ससुर कबीर मठ निवासी मोहन झा व अनमोल देवी तथा दामाद लिटिल झा व उमेश झा ने पुलिस अधीक्षक से मिल कर सुरक्षा की गुहार लगायी है.

इस मामले में श्री झा ने बताया कि पुत्र हत्याकांड के वे सूचक हैं और उनकी 23 दिसंबर को न्यायालय में गवाही थी. अगली गवाही 03 जनवरी को होनी है. इस वजह से उन्हें आशंका है कि अभियुक्त के जेल से बाहर आने के बाद उनकी जान को खतरा हो सकता है. कारण, इस हत्याकांड में उनकी गवाही महत्वपूर्ण है. गौरतलब है कि बौआ झा एवं काजल झा के दो पुत्र अंशु कुमार (04) व आयुष कुमार (03) फिलहाल अपने दादा के घर ही रह रहे हैं.

अनुसंधान के क्रम में हुआ था बड़ा खुलासा : 14 अगस्त, 2015 की देर रात बौआ झा की हत्या चाकू गोद कर कर दी गयी थी.

मृत के पिता मोहन झा के बयान पर पूर्णिया सिटी निवासी रंजीत पाठक एवं अन्य चार को हत्यारोपित बनाया गया था. पुलिस ने अनुसंधान प्रारंभ कर रंजीत पाठक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. खास बात यह थी कि जिस समय बौआ झा की हत्या हुई थी, उस समय काजल भी घर के अंदर ही मौजूद थी. मेन गेट बंद पड़ा था और घर के बाहर का ग्रिल भी बंद था. ऐन वक्त पर काजल का किचेन में दूध गरम करने के लिए जाना व अपराधियों का अंदर प्रवेश करना पुिलस को भी गले नहीं उतर रहा था.

पति की हत्या के लिए दी थी एक लाख की सुपारी

एसपी निशांत कुमार तिवारी के प्रयास से इस कांड का खुलासा 28 नवंबर 2015 को कर लिया गया और मृतका की पत्नी काजल झा एवं मोहन झा के घर के लॉज में रह रहे इंजीनियरिंग के छात्र ऋषिकेश यादव को गिरफ्तार कर लिया गया था. काजल ने पुलिस के समक्ष कबूल किया था कि उसने ही ऋषिकेश के साथ मिल कर नवगछिया गोपालपुर के संतोष यादव को बौआ झा की हत्या करने के लिए एक लाख रुपये की सुपारी दी थी. संतोष यादव ऋषिकेश यादव का ममेरा भाई है.

काजल ने बताया था कि उसका ऋषिकेश के साथ प्रेम-प्रसंग चल रहा था. गौरतलब है कि काजल के अपने पति से बेहतर संबंध नहीं थे. यही वजह रही कि आवासीय परिसर के ही लॉज में रह रहे ऋषिकेश से काजल की नजदीकियां बढ़ती चली गयीं और दोनों ने मिल कर बौआ को रास्ते से हटाने का फैसला लिया.

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