पूर्णिया : पूरे देश में सबसे ज्यादा पूजा-पाठ बिहार में होता है, लेकिन बिहार में ही सबसे ज्यादा गरीबी, अशिक्षा और बीमारी है. पूजा करना अच्छी बात है, लेकिन सबसे बड़ी पूजा माता-पिता की होती है, जो आज कल नहीं हो रहा है. उक्त बातें जन अधिकार पार्टी के संरक्षक सह मधेपुरा सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बुधवार की देर शाम जिला मुख्यालय के मधुबनी में काली पूजा के अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कही.
उन्होंने कहा कि माता-पिता की पूजा के बाद सबसे बड़ी पूजा गरीबों की सेवा होती है. लेकिन विडंबना यह है कि अन्य सभी पूजा तो होती है, गरीबों की सेवा तो दूर, सहायता करने वाले लोगों की संख्या भी नगण्य है. सांसद श्री यादव ने कहा कि भारत युवाओं का देश है और युवाओं के हाथ में ही देश का भविष्य भी है. युवा और छात्र ही इस देश की दशा व दिशा में बदलाव ला सकते हैं. लेकिन दुखद यह है कि देश के युवा और छात्र अपने आप में मशगूल हैं और उन्हें समाज और देश से नाममात्र का सरोकार रह गया है.
ऐसे में देश और समाज का अस्तित्व खतरे में पड़ना लाजिमी है. उन्होंने कहा कि शहीदों की बात लोग करते तो हैं, लेकिन शहीदों के परिजनों की सुधि लेने वाला कोई नहीं है. शहीद के नाम पर सिर्फ राजनीति होती है और बयानबाजी होती है. उन्होंने दावे के साथ कहा कि वे देश के किसी कोने में रहें, मदद की जरूरत पड़ने पर हमेशा आम लोगों के लिए हाजिर रहते हैं.
पूजा समिति की ओर से सांसद श्री यादव ने कई बुजुर्गों को सम्मानित किया गया. इस मौके पर उप महापौर संतोष कुमार यादव, जन अधिकार पार्टी के जिलाध्यक्ष इसराइल आजाद, मेला कमेटी के अध्यक्ष पंकज यादव, पंचानंद यादव, जुगल किशोर यादव, छात्र नेता राजेश यादव, हाजी अब्दुल सत्तार, हरीश चौधरी, मनोज यादव, मुखिया मनोज पासवान, समीउल्लाह, मंटू यादव, अली फैसल आदि मौजूद थे.