घोषपाड़ा में िफर सक्रिय हुए फंटूस व गंदला
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दिन-रात सजी रहती हैं बदनाम गलियां
घोषपाड़ा में िफर सक्रिय हुए फंटूस व गंदला कटिहार मोड़ िस्थत घोषपाड़ा के इलाका में चहल-पहल होने लगी है. इतना ही नहीं गदला व फंटूस यहां िफर से सक्रिय हो गये हैं. यहां की बदनाम गलियां एक बार िफर से सजने लगी हैं. पूर्णिया : कटिहार मोड़ के घोषपाड़ा में अलाउद्दीन उर्फ फंटूस और राजू […]
कटिहार मोड़ िस्थत घोषपाड़ा के इलाका में चहल-पहल होने लगी है. इतना ही नहीं गदला व फंटूस यहां िफर से सक्रिय हो गये हैं. यहां की बदनाम गलियां एक बार िफर से सजने लगी हैं.
पूर्णिया : कटिहार मोड़ के घोषपाड़ा में अलाउद्दीन उर्फ फंटूस और राजू उर्फ गंदला का एक बार फिर सिक्का जमने लगा है. छापेमारी अभियान के बाद एक बार फिर घोषपाड़ा का देह बाजार गुलजार होने लगा है. फंटुस ने इस धंधे में फिलहाल 07 सेक्स वर्कर को लगा रखा है, वहीं गंदला भी इस धंधे में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रखी है. उसने अपने बहनोई शमीम उर्फ कुमार के साथ मिल कर बंगाल के पांजीपाड़ा व यूपी के बलिया से आधा दर्जन सेक्स वर्कर के साथ जिस्म फरोशी का कारोबार आरंभ कर दिया है. इसी प्रकार मो नसीम, किताबुद्दीन, मो बबलू, अतिम उर्फ निजाम,
शहजाद, फिरोज व गोविंदा भी देह व्यापार का कारोबार फिर से आरंभ कर चुका है. स्थानीय लोगों की मानें तो घोषपाड़ा में फिलहाल तीन दर्जन सेक्स वर्कर देह व्यापार के धंधे को गुलजार कर रहे हैं.
फंटूस व गंदला ने अर्जित की करोड़ों की संपत्ति : जिस्म फरोशी के कारोबार में फंटूस व गंदला ने करोड़ों की संपत्ति कर रखी है. फंटुस का खुश्कीबाग के मिलनपाड़ा स्थित आलीशान मकान और बेलौरी सिनेमा हॉल के निकट मार्केट किसी से छुपा हुआ नहीं है. वहीं गंदला का गुलाबबाग के जीरोमाइल के निकट राजानगर में आलीशान मकान है. वह देह व्यापार के चर्चित नाम मुन्नी खातून की छोटी बहन गुड्डी खातून का पति है. गंदला ने गुलाबबाग-कसबा रोड के निकट हाल ही में लाखों की जमीन खरीदी है. फंटूस व गंदला अपने हाई प्रोफाइल कनेक्शन के कारण ही लगातार देह व्यापार में आगे बढ़ता चला गया.
यही कारण है कि जिस्म फरोशी के बाजार में दोनों का सिक्का चलता रहा है. इतना ही नहीं स्थानीय पुलिस के साथ भी दोनों के बेहतर ताल्लुकात रहे हैं.
नहीं लग सका कारोबार पर विराम : 30 अक्टूबर 2013 को तत्कालीन एसपी किम ने गुलाबबाग व कटिहार मोड़ घोषपाड़ा में अभियान के तहत कार्रवाई की थी. इस दौरान देह व्यापार से जुड़े करीब 07 दर्जन महिलाओं को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. इनमें कई महिलाओं पर जबरन देह व्यापार करने के गंभीर आरोप लगे थे. हैरानी की बात यह है कि उक्त सभी महिलाओं को न्यायालय से जमानत मिली और जेल से बाहर निकल कर देह व्यापार में जुट गयी. वर्ष 2016 में एसपी निशांत कुमार तिवारी के निर्देश पर दो बार देह मंडी में छापेमारी की गयी. छापेमारी में पुलिस को विशेष उपलब्धि हासिल नहीं हुई लेकिन महीनों तक देह व्यापार बंद रहा था. अधिकांश लोगों को माने तो पुलिस द्वारा छापेमारी की कार्रवाई लगातार होती रहे तो देह व्यापार के इस कैंसर की काफी हद तक रोकथाम हो सकती है.
पुलिसिया संरक्षण से मिलती है संजीवनी : यह स्याह सच है कि घोषपाड़ा और लखनझड़ी के देह व्यापार की कमाई का एक हिस्सा सदर पुलिस के जिम्मे नियमित रूप से पहुंचती है.
सदर थाना में पदस्थापित पैंथर मोबाइल का एक जवान जो वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थापित है, घोषपाड़ा और लखनझड़ी के काले कारोबार का सबसे बड़ा संरक्षक माना जाता है. उच्च अधिकारी चाहे लाख छापा मरवा ले लेकिन कुछ खास इसलिए हासिल नहीं हो पाता है कि छापे की सूचना पूर्व में ही लीक हो जाती है. हाल ही के छापेमारी में देह व्यापार के सरगना अकबर खलीफा की इसलिए गिरफ्तारी हुई थी कि उसके संबंध उस वक्त सदर थाना से बेहतर नहीं रह गये थे. जिसने भी स्थानीय पुलिस के साथ समझौता कर लिया, बेखौफ होकर धंधे का संचालन कर रहा है. जाहिर है जब तक स्थानीय पुलिस में देह व्यापार के पैरोकार पदस्थापित रहेंगे, यह काला धंधा भी सुबह शाम गुलजार रहेगा.
कटिहार मोड़ के घोषपाड़ा का नजारा.
खास बातें
फंटूस ने धंधे में सात सेक्स वर्कर को लगा रखा है, जबकि गंदला भी नहीं छोड़ रहा कोर-कसर
जिस्म फरोशी के कारोबार में फंटूस व गंदला ने अर्जित कर रखी है करोड़ों की संपत्ति
30 अक्टूबर 2013 को तत्कालीन एसपी किम ने अभियान के तहत की थी कार्रवाई
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