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सदर अस्पताल के शौचालय में दिया बच्चे को जन्म

भरती से इनकार, मांगे दो हजार रुपये रुपये नहीं देने पर नहीं किया भरती पूर्णिया : सदर अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड के कर्मियों की संवेदनहीनता बुधवार को उस समय उजागर हुई, जब प्रसव पीड़ा से छटपटा रही एक गर्भवती महिला को अस्पताल ने पहले भरती करने से इनकार किया और फिर भरती के एवज में […]

भरती से इनकार, मांगे दो हजार रुपये

रुपये नहीं देने पर नहीं किया भरती
पूर्णिया : सदर अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड के कर्मियों की संवेदनहीनता बुधवार को उस समय उजागर हुई, जब प्रसव पीड़ा से छटपटा रही एक गर्भवती महिला को अस्पताल ने पहले भरती करने से इनकार किया और फिर भरती के एवज में दो हजार रुपये की मांग की. गरीब गर्भवती महिला ने जब दो हजार रुपये रिश्वत देने से इनकार किया तो उक्त गर्भवती को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. इसी दौरान महिला सदर अस्पताल के शौचालय गयी, वहीं प्रसव पीड़ा तेज हो गयी और फिर जो कुछ हुआ, वह सदर अस्पताल
सदर अस्पताल के…
की पूरी व्यवस्था पर एक सवालिया निशान है. शर्मनाक यह है कि उक्त महिला ने अस्पताल की बेड की जगह शौचालय के फर्श पर एक मासूम को जन्म दे डाला. इसके बाद परिजनों और अन्य लोगों ने अस्पताल में हंगामा शुरू किया.
परिजनों ने किया हंगामा : सदर थाना क्षेत्र के चिमनी बाजार स्थित नूरगला निवासी मो सूताबुर की पत्नी मेहरू निशा दोपहर 01:30 बजे सदर अस्पताल भरती होने के लिए पहुंची थी. वहां पहुंचने पर मेटरनिटी वार्ड के कर्मियों ने मेहरू निशा के भाई मो रहमान को बताया कि अस्पताल में जगह खाली नहीं है. बार-बार परिजनों द्वारा विनती के बाद अस्पताल की ही एक महिला कर्मी ने कहा कि भरती होने के एवज में दो हजार रुपये लगेंगे.
मुश्किल यह थी कि मेहरू निशा के परिजनों के पास दो हजार रुपये नहीं थे. परिजन अस्पताल परिसर में ही खड़े थे कि गर्भवती को शौच महसूस हुआ और वह शौचालय की ओर गयी. इसके बाद शौच से पहले ही उसने बच्चे को जन्म दे दिया. परिजनों के हंगामे के बाद प्रसूता को अस्पताल में भरती कराया गया. वहां मौजूद कई परिजनों ने खुले तौर पर आरोप लगाया कि अस्पताल में बिना रिश्वत के न तो गर्भवती को भरती किया जाता है और न ही प्रसव की प्रक्रिया पूरी की जाती है.
प्रसूता को सभी सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है. पैसे मांगने के आरोप की जांच करायी जायेगी और दोषी पाये जाने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी.
डाॅ एमएम वसीम, सिविल सर्जन, पूर्णिया
अस्पताल में बेड की कमी थी. इसलिए गर्भवती को इंतजार करने के लिए कहा गया था. इसी दौरान शौचालय में उसने बच्चे को जन्म दिया. रुपये मांगने का आरोप बेबुनियाद है. परिजनों ने अभद्रता की शिकायत की है. ऑन ड्यूटी एएनएम से स्पष्टीकरण पूछा जा रहा है. मामले की जांच को आये डीडीसी व एसडीएम को वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया गया है.
डाॅ उपेंद्र तिवारी, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी सह प्रभारी सिविल सर्जन, पूर्णिया

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