सदर अस्पताल. चप्पे-चप्पे पर फैला है बिचौलियों का जाल
Advertisement
यहां किस्तों पर लूटे जा रहे मरीज
सदर अस्पताल. चप्पे-चप्पे पर फैला है बिचौलियों का जाल केस-एक शनिवार की दोपहर मीरगंज से सुजाता देवी नामक एक महिला अपने छह माह का पुत्र को लेकर सदर अस्पताल पहुंची. बच्चे को सांस लेने में परेशानी थी. आपातकालीन सेवा के सामने पहुंची ही थी कि एक महिला दलाल उससे संपर्क कर उसे यहां बाल रोग […]
केस-एक
शनिवार की दोपहर मीरगंज से सुजाता देवी नामक एक महिला अपने छह माह का पुत्र को लेकर सदर अस्पताल पहुंची. बच्चे को सांस लेने में परेशानी थी. आपातकालीन सेवा के सामने पहुंची ही थी कि एक महिला दलाल उससे संपर्क कर उसे यहां बाल रोग विशेषज्ञ नहीं होने की दुहाई देकर बेहतर सुविधा का आश्वासन देकर बाहर से ही बाहर एक निजी क्लिनिक में ले कर चली गयी.
केस-दो
डगरुआ प्रखंड के अधकेली गांव से रहमती नाम की एक गर्भवती प्रसव के लिए रविवार को सदर अस्पताल पहुंची. उसके साथ आशा भी थी. मेटरनिटी वार्ड की नर्सों ने देर से प्रसव होने की बात बतायी. इस बीच वहां मौजूद महिला बिचौलिया आशा को कुछ समझाया. उसके बाद आशा ऑटो पर गर्भवती महिला को लेकर बाहर निकल गयी.
केस-तीन
पूर्णिया पूर्व प्रखंड के उथरी पोखरिया गांव से एक महिला अत्यधिक रक्तस्राव से पीड़ित थी. सोमवार की शाम को उसे सदर अस्पताल लाया जा रहा था. अस्पताल के मुख्य द्वार पर बैठी महिला बिचौलियों ने उसे भय दिखा कर गेट से ही अपने डॉक्टर के निजी क्लिनिक में लेकर चली गयी. जहां उससे मोटी रकम वसूली गयी. मरीज के ठीक नहीं होने पर कटिहार मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया.
नकेल कसने में अस्पताल प्रशासन विफल साबित होता रहा है.
पूर्णिया : सदर अस्पताल का महिला वार्ड बिचौलियों का चारागाह बन कर रह गया है. इस वार्ड के इर्द-गिर्द कई डॉक्टरों के बिचौलिये दिन भर चक्कर लगाते रहते हैं, जो विभिन्न इलाकों से आये ग्रामीण मरीजों के परिजनों को बहला-फुसला कर अपने डॉक्टरों के क्लिनिक व नर्सिंग होम में ले जाते हैं. जहां मरीजों का जम कर आर्थिक दोहन किया जाता है. ऐसे में कई मरीजों की जान पर बन आती है. मरीजों की स्थिति बिगड़ने पर पुन: सदर अस्पताल में पहुंचा दिया जाता है. इन बिचौलियों पर नकेल कसने में अस्पताल प्रशासन विफल साबित होता रहा है.
सदर अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर व बाहरी डॉक्टरों के लगभग डेढ़ दर्जन से भी अधिक बिचौलिये अस्पताल के महिला वार्ड के इर्द-गिर्द मंडराते रहते हैं. इन बिचौलियों में अधिकांश महिला होती है. जैसे ही किसी मरीज की गाड़ी आकर रुकती है, फौरन दौड़ कर बिचौलिया सहानुभूति बटोरने में जुट जाती है.
विश्वास का सिक्का जमाते ही मौका पा कर महिला मरीजों के परिजनों को डराने का सिलसिला शुरू होता है. बिचौलिये कई प्रकार के उदाहरण देकर मरीजों को मौत का डर दिखा कर अपने कब्जे में ले लेते हैं.
नहीं कसा जा सका है नकेल
सदर अस्पताल के कई डॉक्टरों के बिचौलिये इस गोरखधंधे में शामिल हैं. अस्पताल का हर आदमी जानता है कि कौन किस डॉक्टर के लिए काम करता है. कई बार मरीजों के सहयोग से कई महिला बिचौलिया पकड़ी भी जा चुकी हैं. इसके बावजूद भी बिचौलियों का खेल जारी है. वही बिचौलिये पर नकेल कसने को लेकर शिथिलता बरती जा रही है, जिससे अस्पताल प्रशासन भी सवालों के घेरे में है.
बेहतर इलाज का देते हैं प्रलोभन
महिला वार्ड के आगे स्त्री एवं प्रसव रोग, नवजात शिशु रोग विशेषज्ञों के सर्वाधिक महिला दलाल मौजूद रहती हैं. स्त्री रोग विशेषज्ञ के बिचौलिये सुरक्षित एवं सस्ता प्रसव कराने का प्रलोभन देकर अपने डॉक्टरों के क्लिनिक व नर्सिंग होम में ले जाते हैं. जहां किस्तों में मरीजों को जमकर लूटा जाता है.
वहीं नवजात बच्चे के रोग ग्रस्त होने पर उन्हें आइसीयू, फोटोथेरेपी, ऑक्सीजन सेवा आदि के लिए बहला फुसला कर अपने निजी अस्पतालों में ले जाते हैं. जहां मोटी रकम वसूली जाती है.
वार्ड के इर्द-गिर्द कई डॉक्टरों के दिन भर चक्कर लगाते रहते हैं बिचौलिये
ग्रामीण मरीजों के परिजनों को बहला-फुसला कर डॉक्टरों के क्लिनिक व नर्सिंग होम में ले जाते हैं बिचौलिया
बिचौलियों पर नकेल कसने
में विफल हो
रहा अस्पताल प्रशासन
अस्पताल परिसर में बिचौलिये घूम रहे हैं, किंतु कौन बिचौलिया है इसकी पहचान नहीं होने से परेशानी है. वैसे जब भी कोई बिचौलिया पकड़ाया है, उसे पुलिस के हवाले किया गया है.
डॉ सुशीला दास, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल, पूर्णिया
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement