पूर्णिया : यूं तो देह व्यापार के अड्डों पर छापामारी के उपरांत कुछ दिनों के लिए वीरानगी छा जाती है, परंतु पुलिस सेटिंग होते ही देह अड्डा पुन: गुलजार हो जाता है. ऐसा इसलिए होता है कि इन धंधेबाजों में उस तरह का खौफ नहीं, जो कटिहार मोड़ स्थित घोषपाड़ा के देह अड्डे पर है. […]
पूर्णिया : यूं तो देह व्यापार के अड्डों पर छापामारी के उपरांत कुछ दिनों के लिए वीरानगी छा जाती है, परंतु पुलिस सेटिंग होते ही देह अड्डा पुन: गुलजार हो जाता है. ऐसा इसलिए होता है कि इन धंधेबाजों में उस तरह का खौफ नहीं, जो कटिहार मोड़ स्थित घोषपाड़ा के देह अड्डे पर है. पुलिसिया कार्रवाई के बाद घोषपाड़ा में भले ही वीरानगी छायी हुई है, लेकिन शहर के गुलाबबाग स्थित लखनझड़ी एवं हरदा बाजार के देह अड्डे पर धंधेबाजों ने हिम्मत दिखाते हुए
जिस्म का बाजार का कारोबार जारी रखा है.
इस प्रकार घोषपाड़ा में वीरानगी का सीधा लाभ अब लखनझड़ी व हरदा को प्राप्त हो रहा है. जिस प्रकार शराबबंदी से निकटवर्ती बंगाल के क्षेत्रों में शराब की बिक्री जोरों पर है, उसी प्रकार कटिहार मोड़ के जिस्म फरोशी के बाजार बंद होने के बाद लखनझड़ी व हरदा के देह अड्डों की कमाई चार गुणा बढ़ गयी है.
हरदा के देह व्यापार अड्डा के संचालकों को स्थानीय पुलिस की तनिक परवाह नहीं है. हरदा बाजार के लोग बताते हैं कि देह अड्डे पर संचालकों व सेक्स वर्करों की अब चांदी कट रही है. हरदा देह अड्डे की संचालिका कैली को कई सफेदपोश लोगों का संरक्षण प्राप्त है. यही वजह है कि स्थानीय पुलिस कार्रवाई से बचना चाहती है. वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि हरदा में सब कुछ पुलिस की मर्जी से और संरक्षण में चल रहा है.