चिंताजनक. मौत बांटने वाली सजी हैं कई दुकानें
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शहर में अपना पांव पसार रहा एचआइवी
चिंताजनक. मौत बांटने वाली सजी हैं कई दुकानें केस स्टडी-01 अमौर निवासी मो मकसूद(काल्पनिक नाम) गुलाबबाग मंडी में खरीद-बिक्री के कारोबार से जुड़ा हुआ था. पास ही उसने अपना अस्थायी आवास भी रखा था. बमुश्किल महीने में घर जा पाता था. इसी दौरान वह जीरो माइल स्थित देह व्यापार के अड्डे पर आना-जाना शुरू किया. […]
केस स्टडी-01
अमौर निवासी मो मकसूद(काल्पनिक नाम) गुलाबबाग मंडी में खरीद-बिक्री के कारोबार से जुड़ा हुआ था. पास ही उसने अपना अस्थायी आवास भी रखा था. बमुश्किल महीने में घर जा पाता था. इसी दौरान वह जीरो माइल स्थित देह व्यापार के अड्डे पर आना-जाना शुरू किया. फिर एक दिन पता चला कि वह अब एचआइवी से पीड़ित हो चुका है.
केस स्टडी- 02
डगरूआ प्रखंड के मकैली निवासी मो इस्माइल(काल्पनिक नाम) वर्ष 2014 में महाराष्ट्र के पुणे शहर में रोजगार के सिलसिले में गया था. वहीं उसका संपर्क लंबे समय तक एक कॉलगर्ल से रहा. अंतत: मो इस्माइल को सौगात के रूप में एचआइवी वायरस मिला. आज वह जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहा है.
पूर्णिया : शहर में फैल रहा एचआइवी से पीड़ित मो मकसूद और मो इस्माइल महज एक बानगी है कि किस प्रकार लोग असुरक्षित यौन संबंध की वजह से एचआइवी संक्रमण का शिकार हो रहे हैं. स्याह सच यह है कि जिला मुख्यालय में देह व्यापार के अड्डे के रूप में मौत परोसने वाली दुकानें चारों ओर सजी हैं और जिला प्रशासन खामोश बना हुआ है. वहीं खतरनाक बात यह है कि रेडलाइट के अलावा शहर में कई ऐसी धंधेबाज मौजूद हैं, जो घूम-घूम कर एचआइवी बांट रहे हैं.
शहर में संचालित हैं कई रेडलाइट एरिया
शहर के जीरोमाइल,बागेश्वरी मुजरापट्टी,खुश्की बाग, घोष पाड़ा, हरदा आदि स्थानों में रेडलाइट एरिया में देह व्यापार का कारोबार वर्षों से फल-फूल रहा है. इन रेडलाइट इलाकों में मौज मस्ती करने आने वाले लोग बतौर तोहफा में एचआइवी साथ ले कर जा रहे हैं. देह व्यापार करने वाली कौन एचआइवी मुक्त है और कौन एचआइवी संक्रमित है, इसका कोई लेखा जोखा नहीं होने के कारण लोग जाने-अनजाने में अपने साथ एचआइवी साथ ले कर जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि अधिकांश एचआइवी संक्रमण असुरक्षित यौन संबंध से ही होता है. खतरनाक यह है कि रेडलाइट एरिया अवैध रूप से संचालित है और सब कुछ यहां भगवान भरोसे है.
ट्रक चालक हो रहे हैं शिकार
तमाम रेडलाइट एरिया एनएच के आस पास होने से अधिकांश ट्रक चालक यहां पहुंचते हैं. मौज मस्ती में कब एचआइवी को अपने जीवन में भूलवश शामिल कर लेता है, इस बात की उसे जानकारी भी नहीं हो पाती है. यही कारण है कि बाद में वह अपनी संगिनी को भी यह भयावह रोग बांट देता है. ऐसे लोगों को जागरूक करने के लिए एनजीओ भी कार्यरत है. किंतु एनजीओ द्वारा भी जागरूकता के नाम पर महज खानापूर्ति ही की जा रही है. यही कारण है कि जिले में एचआइवी संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है.
कॉलगर्ल का नया ठिकाना बना लाइन बाजार
देह व्यापार के धंधे में नयी बात यह है कि धुमक्कड़ कॉल गर्ल ने लाइन बाजार को अपना नया ठिकाना बना लिया है.जो सदर अस्पताल,लाइन बाजार चौराहा,अस्पताल गेट इत्यादि इलाके में शाम के समय आसानी से देखी जा सकती है. ऐसी कॉलगर्ल मोबाइल के माध्यम से ग्राहकों के साथ सौदा करती है. जानकार बताते हैं कि इस तरह के कारोबार में बहरहाल आधे दर्जन लड़कियां जुड़ी हुई है, जो देह व्यापार के अड्डे से ताल्लुक नहीं रखती है. जानकारों की मानें तो इसमें से चार लड़कियां एचआइवी संक्रमित हैं, जो अब ऑन कॉल एचआइवी बांट रही है. इन कॉलगर्ल के कई सफेदपोश दलाल बने हुए हैं.
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