पटना/पूर्णिया : पटना हाइकोर्ट ने माकपा विधायक अजीत सरकार हत्याकांड के मुख्य आरोपित पूर्व सांसद पप्पू यादव को बरी कर दिया है. उनके साथ ही पूर्व विधायक राजन तिवारी और अनिल कुमार यादव को भी बरी कर दिया गया है.
न्यायाधीश वीएन सिन्हा और एके लाल के खंडपीठ ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया. उन्होंने 273 पन्नों के फैसले में तीनों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया. कहा, यदि पप्पू यादव को अन्य केस नहीं लंबित हो, तो रिहा कर दिया जाये. कोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद 26 फरवरी को आदेश सुरक्षित रख लिया था.
अजीत सरकार की हत्या 14 जून, 1998 को पूर्णिया में गोली मार कर दी गयी थी. इस केस में पप्पू यादव और राजन तिवारी प्रमुख अभियुक्त थे. राजनीतिक दबाव के बाद इस केस की जांच सीबीआइ को सौंप दी गयी थी.
पटना स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत ने 14 फरवरी, 2008 को तीनों आरोपितों को उम्रकैद की सजा सुनायी थी. पप्पू यादव उस समय से जेल में बंद हैं. उन्हें कुछ दिनों के लिए दिल्ली के तिहाड़ जेल में भी रखा गया था.
पप्पू यादव चार बार सांसद रहे हैं. 1991 में वह पहली बार पूर्णिया से सांसद निर्वाचित हुए. इसके बाद 1996, 1999 और 2004 के चुनाव में भी वह सांसद चुने गये. 2009 में उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गयी थी.
इधर, माकपा के राज्य सचिव विजयकांत ठाकुर ने कहा कि इस फैसले से न्याय को धक्का लगा है. सीबीआइ को सुप्रीम कोर्ट में अपील करनी चाहिए. पूर्णिया क ी पूर्व विधायक सह माकपा विधायक अजीत सरकार की पत्नी माधवी सरकार ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाऊंगी. इधर, सीबीआइ के अधिवक्ता विपिन कुमार सिन्हा ने कहा कि उन्होंने फैसले को पढ़ा नहीं हे. लेकिन, अभियुक्तों के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाये गये थे.
वहीं, पप्पू यादव की मां शांति प्रिया ने पूर्णिया में कहा कि न्यायालय ने दूध-का-दूध और पानी-का-पानी किया है. उन्हें न्यायालय पर पहले भी भरोसा था. उन्होंने कहा कि बेटे ने 11 वर्ष तक काल-कोठरी ङोली है. अब उसका दिन फिर गया.
– अजीत सरकार हत्याकांड –