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चुनावकर्मियों का मेडिकल चेकअप आठ से

पूर्णिया : पंचायत चुनाव को लेकर प्रतिनियुक्त अधिकारी व कर्मियों के लिए 07 अप्रैल से समाहरणालय परिसर में मेडिकल चेकअप शिविर आयोजित होगा. इसमें गंभीर बिमारी अथवा दुर्घटनाग्रस्त कर्मी विमुक्ति के लिए अपर समाहर्ता डा रवींद्र नाथ के समक्ष आवेदन दाखिल कर सकेंगे. एडीएम के अनुश्रवण के उपरांत असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी […]

पूर्णिया : पंचायत चुनाव को लेकर प्रतिनियुक्त अधिकारी व कर्मियों के लिए 07 अप्रैल से समाहरणालय परिसर में मेडिकल चेकअप शिविर आयोजित होगा. इसमें गंभीर बिमारी अथवा दुर्घटनाग्रस्त कर्मी विमुक्ति के लिए अपर समाहर्ता डा रवींद्र नाथ के समक्ष आवेदन दाखिल कर सकेंगे. एडीएम के अनुश्रवण के उपरांत असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डा एमएम वसीम की अध्यक्षता में गठित मेडिकल बोर्ड कर्मियों का स्वास्थ्य जांच करेगी.

बोर्ड में वरीय उप समाहर्ता तनवीरुल कमर व सिविल सर्जन द्वारा नामित तीन चिकित्सकों को सदस्य बनाया गया है. कर्मियों का स्वास्थ्य जांच 08, 09 एवं 11 अप्रैल को अपर समाहर्ता के समक्ष किया जायेगा. जिलाधिकारी पंकज कुमार पाल ने इस बाबत सिविल सर्जन को भी निर्देश जारी किये हैं. साथ ही ऐसे कर्मियों से 07 अप्रैल तक आवेदन सुनिश्चित करने तथा निर्धारित समय पर मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित होने की अपील की है.

डीएम श्री पाल ने बताया कि प्राप्त आवेदन के आलोक में कर्मियों की स्वास्थ्य जांच की जायेगी. आवेदन सही पाये जाने पर कर्मियों को चुनाव कार्य से विमुक्त कर दिया जायेगा.
बेमौसम बारिश ने खोली निगम की पोल
बे मौसम बारिश क्या हुई, पूरा शहर पानी-पानी हो गया. दरअसल गुरुवार की देर शाम आंधी के साथ शहर में बारिश हुई. चंद घंटों की बारिश ने ही नगर निगम की पोल खोल दी. शहर की कोई ऐसी गली नहीं रही, जहां जलजमाव का नजारा नहीं दिखा. जलजमाव का यह नजारा शनिवार को भी कायम रहा. कई मुहल्ले की गलियों का हाल तो यह है कि पैदल गुजरना भी मुश्किल हो गया है. होली के बाद गली-मुहल्लों की समुचित रूप से सफाई नहीं हुई.
ऐसे में जमा कचरे और पानी के मिलन के बाद निकलने वाले दुर्गंध से लोग परेशान हैं. वैसे तो नगर निगम की ओर से जल निकासी ड्रेनेज व नालियों का सफाई को लेकर नये वित्तीय बजट में लंबा चौड़ा बजट बनाया गया है. लेकिन बरसात से पहले अब तक शहर में जल निकासी को लेकर कोई ठोस पहल अब नहीं दिख रही है.
जल निकासी की नहीं है मुकम्मल व्यवस्था : शहर में जल जमाव की समस्या वर्षों पुरानी है. हर वर्ष बरसात में जल जमाव की समस्या को लेकर हो-हल्ला मचता है. वादों की झड़ी लगती है, लेकिन मुकम्मल पहल के अभाव में महीनों शहर वासी परेशान रहते हैं. हालात यह है कि बीते दिन हुई बारिश ने जहां नगर निगम की व्यवस्था की पोल खोल दी है, वहीं बरसात से पहले नालों की सफाई और जल निकासी को लेकर निगम की ओर से अब तक कोई ठोस पहल नजर नहीं आ रहा है.
होती है बारिश, बदल जाती है शहर की सूरत : विडंबना तो यह है कि मॉडल शहर की श्रेणी में खुद को शामिल करने की छटपटाहट निगम में है. लेकिन शहर को संवारने की कवायद फीकी है. हालात यह है कि मुख्य नाला लालगंज ड्रेनेज से लेकर शहर के वार्डों में अवस्थित नालियों की सफाई नदारद है. बरसात के पानी की निकासी भी कूड़ा-कचरा से भरे नालों से होना मुश्किल है.
ऐसे में जब-जब बरसात होती है तो शहर की सूरत बदल जाती है. शहर की सबसे बड़ी समस्या जलजमाव और कचरा निष्पादन है. नगर निगम के गठन के बाद से अब तक निगम के वार्षिक बजट में जल निकासी एवं कचरा निष्पादन को लेकर कई घोषणाएं हुई लंबे-चौड़े बजट बने और छोटे से लेकर बड़े जनप्रतिनिधियों ने भी कई घोषणाएं की मगर इस समस्या का समाधान नहीं हुआ.
बरसात में बढ़ेगी शहरवासियों की मुश्किलें : इस बरसात शहरवासियों को मुश्किल का सामना करना ही पडे़गा. यह गुरुवार की बेमौसम बारिश से तय हो चुका है. हालात यह है कि शहर के गलियों की सड़कों से लेकर मुख्य सड़कों का भी नव निर्माण हुआ है और सड़कें ऊंची हुई हैं. नालियों की सफाई नदारद है. मुख्य लालगंज नाला और अन्य नालों की सफाई कार्य को लेकर अब तक कोई पहल नजर नहीं आ रही है. अलबत्ता बरसात अगर लगातार 6 से 12 घंटे भी हुई तो शहर का अधिकांश हिस्सा जलमग्न हो जायेगा. कुल मिला कर वर्ष 2015 की तरह वर्ष 2016 में भी शहरवासियों को नारकीय स्थिति से रू-ब-रू होना पड़ेगा.

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