31.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

करोड़ों खर्च के बावजूद जमींदोज हो रही उम्मीदें

निगम ने करोड़ों रुपये खर्च कर शहर वासियों की सुविधा के लिए चलंत शौचालय, वाटर टैंक और फॉगिंग मशीन खरीदी लेकिन यह सभी निगम के अंदर महज शोभा की वस्तु बन कर रह गयी है. पूर्णिया : नगर निगम का कार्यकाल भी अब महज कुछ माह और शेष रह गया है. वित्तीय वर्ष भी लगभग […]

निगम ने करोड़ों रुपये खर्च कर शहर वासियों की सुविधा के लिए चलंत शौचालय, वाटर टैंक और फॉगिंग मशीन खरीदी लेकिन यह सभी निगम के अंदर महज शोभा की वस्तु बन कर रह गयी है.

पूर्णिया : नगर निगम का कार्यकाल भी अब महज कुछ माह और शेष रह गया है. वित्तीय वर्ष भी लगभग समाप्ति की कगार पर है. निगम ने करोड़ों रुपये खर्च कर शहर वासियों की सुविधा के लिए चलंत शौचालय, वाटर टैंक और फॉगिंग मशीन खरीदा लेकिन यह सभी निगम के अंदर महज शोभा की वस्तु बन कर रह गयी है. पिछले लगभग दो वर्षों से चलंत शौचालय आम आदमी के लिए दर्शनीय है, वहीं वाटर टैंक और फॉगिंग मशीन की सुविधा से आम शहरी वंचित हैं.
शहर के आम शहरी के मूलभूत जरूरतों में शामिल इन तीनों अतिआवश्यक उपयोग की चीजों की खरीद पर नगर निगम ने तो करोड़ों खर्च कर दिये लेकिन दिन महीना और वर्ष बीतने के बावजूद यह जनता को समर्पित न हो सका. जाहिर है करोड़ों का खर्च पानी में बह गया और उम्मीदें जमींदोज हो गयी.
दो वर्ष पहले आया था चलंत शौचालय : स्वच्छ भारत अभियान मिशन का संदेश देता चलंत शौचालय करीब दो वर्ष पूर्व लाखों खर्च कर नगर निगम ने खरीदा था. वजह साफ था कि शहर के सार्वजनिक व भीड़-भाड़ वाले वैसे इलाकों में जहां शौचालय के अभाव में यात्री, व्यापारी, स्कूली छात्र या आम शहरी बेपर्द होते हैं या फिर खुले में शौच को विवश होते हैं, वहां इसका उपयोग कर स्वच्छता मिशन को सफल बनाने व आम आदमी की सुविधा हेतु इसका उपयोग किया जायेगा.
विडंबना यह है कि दो वर्ष बीत जाने के बाद भी चलंत शौचालय शहर को सुपुर्द नहीं हुआ. यह सड़क किनारे खड़ा जंग खाने लगा है और आम आदमी खुले में शौच के लिए विवश हैं.
करोड़ का वाटर टैंक शो रूम में है कैद : उपलब्ध जानकारी के अनुसार करीब एक करोड़ के आस-पास राशि खर्च कर नगर निगम ने तीन वाटर टैंक खरीदा था. योजना शादी, विवाह या फिर किसी उत्सव में शुद्ध पेयजल शहर के लोगों को मुहैया कराने की थी. लेकिन हालात यह है कि शहर के पौश इलाकों की गलियां इतनी संकरी है कि वहां करीब 15 फीट लंबा वाटर टैंक नहीं जा पाता है. इतना ही नहीं लोग इतने बड़े टैंक लॉरी को बुक करने में भी हिचकते हैं. फलाफल यह है कि पिछले छह महीने से निगम भवन में वाटर टैंक शोभा की वस्तु बना हुआ है.
कहते हैं नगर आयुक्त
शौचालय के उपयोग के लिए टैंडर निकाला जा रहा है. वहीं फॉगिंग मशीन के लिए केमिकल का ऑर्डर भेज दिया गया है. शीघ्र ही उपयोग आरंभ हो जायेगा.
दवा के अभाव में फॉगिंग मशीन बेकार
दवा के अभाव में फॉगिंग मशीन ठप : पिछले कई वर्षों से मचे हंगामे के बाद निगम ने लाखों खर्च कर करीब पांच माह पहले दो फॉगिंग मशीन एक प्राइवेट कंपनी से खरीदा था. शहर में गरमी बढ़ने के साथ ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है. शहर वासी बेचैन हैं. हालात यह है कि गली, नुक्कड़ व मुहल्लों में जमा कचरा और नालियों में जमा गंदे पानी से मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ गया है. सफाई की सुस्त चाल से जनता बेहाल है,
लेकिन लाखों खर्च कर निगम ने फॉगिंग मशीन तो खरीद लिया, दवा (लिक्विड) के अभाव में शहर में अब तक दवा छिड़काव नहीं हो पाया है. अफसोस इस बात का है कि जनता के पैसों से उनकी सुविधा के लिए मशीने तो खरीद ली गयी लेकिन दवा की व्यवस्था निगम द्वारा नहीं कर पाने से लोग जहां परेशान हैं, वहीं फॉगिंग मशीन बेकार का वस्तु बना पड़ा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें