हाउसिंग कॉलोनी नयाठिकाना
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कोढ़ा गैंग. गेड़बाड़ी, रौतारा अब िजला मुख्यालय पर नजर
हाउसिंग कॉलोनी नयाठिकाना पूर्णिया : पहले गेड़ाबाड़ी(कोढ़ा) फिर रौतारा और अब जिला मुख्यालय को कोढ़ा गैंग के अपराधियों ने अपना नया ठिकाना बनाया है. हाल की कुछ आपराधिक घटनाओं के बाद पुलिस भी कोढ़ा गैंग पर पैनी नजर रख रही है. दरअसल नट जाति से ताल्लुक रखने वाले इस समुदाय के अधिकांश लोग आज भी […]
पूर्णिया : पहले गेड़ाबाड़ी(कोढ़ा) फिर रौतारा और अब जिला मुख्यालय को कोढ़ा गैंग के अपराधियों ने अपना नया ठिकाना बनाया है. हाल की कुछ आपराधिक घटनाओं के बाद पुलिस भी कोढ़ा गैंग पर पैनी नजर रख रही है. दरअसल नट जाति से ताल्लुक रखने वाले इस समुदाय के अधिकांश लोग आज भी लूट, छिनतई और अन्य अपराधों से गहरे ताल्लुक रखते हैं.
हालांकि कुछ लोगों ने अब इस धंधे से तौबा कर लिया है. कोढ़ा गैंग पूरे सूबे के साथ-साथ पश्चिम बंगाल और उत्तरप्रदेश में भी चर्चित गैंग के रूप में जाना जाता है. खास बात यह है कि इस गैंग के सदस्य घूम-घूम कर विभिन्न शहरों में घटना को अंजाम देते हैं.
लेकिन नयी बात यह है कि इस गैंग के सदस्यों ने अब पूर्णिया में भी अपना स्थायी ठिकाना बना लिया है. लिहाजा हाल के दिनों में बैंक से रूपये निकाल कर वापस जाने वाले और व्यवसायियों के रूपये वसूलने वाले प्रतिनिधियों के साथ आपराधिक घटनाएं घटित हुई है.
गैंग के सदस्य बैंकों की करते हैं रेकी : गैंग के सदस्यों का एक जमाने में पॉकेटमारी सबसे प्रमुख शगल हुआ करता था. लेकिन हाल के वर्षों में इन अपराधियों के अपराध का ट्रेंड बदला है. अब वे विभिन्न बैंकों की रेकी करते हैं और व्यवसायियों के प्रतिनिधि द्वारा वसूली की जाने वाली तगादा राशि की जानकारी इकट्ठा कर ऐसे लोगों को सॉफ्ट टारगेट बनाते हैं.
इसके अलावा सुनसान इलाके में मोबाइल की छिनतई भी इनका हालिया ट्रेंड है. बैंक ऑपरेशन में कम से कम ये दो बाइक पर सवार 04 लोग होते हैं. बैंक के अंदर 02 और बैंक के बाहर 02 अपराधी सक्रिय रहते हैं. इस गैंग के सदस्य कम ही मामले में हथियार का इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा इस गैंग की पहचान अपाचे जैसी हाइस्पीड बाइक है. सूत्र बतलाते हैं कि इधर दो दिन पूर्व सोमवार की रात में कोढ़ा गैंग के आधा दर्जन अपराधी हाउसिंग कॉलोनी पहुंचे थे.
अपराधियों ने छुपा रखी है पहचान : समस्या यह है कि रौतारा और कोढ़ा से निकल कर अपराधी अब विभिन्न शहरों को अपना ठिकाना बनाने लगे हैं. लूटपाट व चोरी के धंधे में सक्रिय अपराधी अपना नाम बदल कर मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड बनवा रखा है. बताया गया है कि इन लोगों ने नट की जगह अपना सरनेम भी बदल लिया है. कुछ लोगों ने अपने नाम के साथ तिवारी जोड़ लिया है तो कुछ ने सिंह भी सरनेम जोड़ रखा है. ऐसे में घटना को अंजाम देने के बाद इन लोगों की वास्तविक पहचान करना पुलिस के लिए परेशानी का सबब बन जाता रहा है.
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