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पति ने कहा मायका चली जाओ तो मैं चली गयी

पति ने कहा मायका चली जाओ तो मैं चली गयी – परिवार परामर्श केंद्र में छह मामलों का निबटारा- इससे पूर्व आठ दंपती के विवाद को सुलझाया गया —————–पूर्णिया. बदलते दौर में करीबी रिश्ते भी बेमानी साबित होने लगे हैं. सात जन्म के फेरे अब कुछ महीनों और सालों में ही तार-तार हो रहे हैं […]

पति ने कहा मायका चली जाओ तो मैं चली गयी – परिवार परामर्श केंद्र में छह मामलों का निबटारा- इससे पूर्व आठ दंपती के विवाद को सुलझाया गया —————–पूर्णिया. बदलते दौर में करीबी रिश्ते भी बेमानी साबित होने लगे हैं. सात जन्म के फेरे अब कुछ महीनों और सालों में ही तार-तार हो रहे हैं तो खून के रिश्ते भी अब गाढ़े नहीं रह गये हैं. निजी स्वार्थ और चंद रुपयों की चाहत में प्रताड़णा का दौर जारी है. मामला न्यायालय तक पहुंच रहा है. कल तक जो फैसले घर के बंद दरवाजे के बीच लिए जाते थे, वह अब थाना और अदालत में तय हो रहा है. जो फैसले घर के बुजुर्ग किया करते थे, वह अब पुलिस और न्यायाधीश कर रहे हैं. जाहिर है संयुक्त परिवार दरकने की बड़ी कीमत समाज को चुकानी पड़ रही है. दूसरी बड़ी समस्या यह है कि करीब के रिश्ते में भी सहिष्णुता, विश्वास और धैर्य की कमी हो गयी है. लिहाजा समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. दहेज आज भी है एक बड़ी वजह हुजूर, मेरी कोई गलती नहीं है, पति ने कहा कि तुम मायका चली जाओ तो मैं चली गयी. जबकि मुझ पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि मैं भाग कर मायका चली गयी. यह बातें परिवार परामर्श केंद्र पहुंची बाड़ीहाट की चंद्रकला देवी ने कही, जिसने अपने पति विजय कुमार के लगाये आरोप का खंडन किया. पत्नी ने कहा कि उसकी शादी बगैर दहेज की हुई थी. शादी के बाद पति द्वारा दहेज की मांग की जाने लगी थी और इसी कारण उन्हें बार-बार प्रताड़ित भी किया जाने लगा. बात जब काफी आगे बढ़ गयी तो उसने मायका जाने का निर्णय लिया. पति ने कहा कि उसके दो छोटे-छोटे बच्चे हैं, आखिर उसकी देखभाल कौन करेगा. केंद्र के द्वारा दोनों पक्ष को समझाने पर पति-पत्नी एक साथ रहने के लिए राजी हो गये. दूसरे मामले में बायसी की बीबी नाजनीन ने अपने पति शाहनवाज एवं सास-ससुर पर आरोप लगाया था कि दहेज के लिए उसे परेशान किया जाता था, जिससे वह एक वर्ष से मायका में रह रही है. दोनों पक्षों को समझाने के बाद पत्नी ससुराल में रहने के लिए राजी हो गयी. खून के रिश्ते भी हुए बेमानी तीसरे मामले में सरसी थाना क्षेत्र के जर्नादन राम ने अपने पुत्र रूपेश कुमार राम पर प्रताड़णा का आरोप लगाया था. केंद्र के समझाने पर अपने माता-पिता को दोबारा परेशान नहीं करने का भरोसा रूपेश ने दिलाया. चौथा मामला केनगर थाना के चकला की शबनम खातनू ने अपने पति कटिहार जिला के गेड़ाबाड़ी के अब्दुल रज्जाक पर शादी के बाद दहेज में 02 कट्ठा जमीन व 50 हजार रुपये की मांग की जा रही थी. उसके गर्भवती होने के बावजूद ससुराल पक्ष द्वारा उसके साथ मारपीट कर सभी कपड़े व जेवर छीन लिये गये. केंद्र द्वारा पति को समझाने पर मामला सुलझ गया. अन्य मामलों में डगरूआ की बीबी उमती और उसका पति मो शाकिर के बीच विवाद को सुलझाया गया. टीकापट्टी की सीता देवी एवं उसका पति अरविंद कुमार के बीच दहेज संबंधी विवाद को केंद्र के प्रयास से सुलझाया गया. विवादों को सुलझाने में केंद्र की संयोजिका मेनका रानी, सदस्य दिलीप कुमार दीपक, स्वाति वैश्यंत्री, कृष्ण कुमार सिंह, केके वर्मा, रवींद्र कुमार एवं कार्यालय सहायक नारायण कुमार गुप्ता की अहम भूमिका रही. फोटो:- 17 पूर्णिया 07परिचय:- सांकेतिक तसवीर

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