संचिका में कैद है राजेंद्र बाल उद्यान की किस्मत खास बातें- बाल उद्यान की देखभाल की जिम्मेवार है नगर निगम- वर्ष 2011 में हुआ था बाल उद्यान का निर्माण- बदहाली के दौर से गुजर रहा है बाल उद्यान – पुल निगम को मिल सकती है बाल उद्यान की जिम्मेवारी —————————पूर्णिया. जिला मुख्यालय के गिरजा चौक स्थित राजेंद्र बाल उद्यान की किस्मत संवरने वाली है. बहरहाल बाल उद्यान की देखभाल की जिम्मेवारी नगर निगम के पास है. लेकिन हाल के दिनों में अपरिहार्य कारणों से बाल उद्यान की सूरत वैसी नहीं रह गयी है, जैसी पूर्व में हुआ करती थी. शहर के बीचों-बीच बने राजेंद्र बाल उद्यान में वोटिंग के साथ-साथ बच्चों के झूला सहित कई तरह के खेलकूद के सामानों से उद्यान को संवारा गया था, लेकिन महज छह-सात महीने में ही स्थिति बिगड़ने लगी. महज पंपिग सेट के खराब होने से वोटिंग बंद पड़ गया, बल्कि पिछले एक वर्ष से झूले और सुरंग टूटे पड़े हैं. वर्ष में एक बार राजेंद्र जयंती के अवसर पर स्थानीय प्रशासन को भी इसकी याद आती है तो साफ-सफाई की जाती है. बावजूद उद्यान की पुरानी सूरत वापस नहीं लौट पायी है. लिहाजा बदहाल उद्यान को किसी उद्धारक की तलाश है. ऐसे में जबकि बिहार राज्य पुल निगम ने राजेंद्र बाल उद्यान को हस्तांतरित करने की लिखित मांग की है तो उद्यान के अच्छे दिन आने की उम्मीद जतायी जा रही है. हालांकि हस्तांतरण को लेकर अभी तक कोई औपचारिक पहल नहीं की गयी है. फिलहाल राजेंद्र बाल उद्यान की किस्मत डीएम कार्यालय में मौजूद संचिका में कैद है. उपलब्ध जानकारी अनुसार बिहार राज्य पुल निगम ने जिला प्रशासन से राजेंद्र बाल उद्यान को पुल निगम को सौंपने का आग्रह किया है. इस संबंध में प्राप्त जानकारी अनुसार नगर निगम द्वारा राजेंद्र बाल उद्यान से जुड़ी सभी जानकारी एक संचिका में समेट जिला प्रशासन को सुपुर्द कर दी गयी है. जानकार बतलाते हैं कि यह संचिका तत्कालीन डीएम राजेश कुमार के कार्यकाल में ही समाहरणालय भेजा गया था. श्री कुमार का तबादला जिले से 04 अगस्त 2015 को ही हो चुका है. फिलहाल इस मसले पर कोई निर्णय नहीं होने से राजेंद्र बाल उद्यान के विकास का मामला भी फंसता नजर आ रहा है. इस मामले में पुल निगम के पत्र के संदर्भ में हस्तानांतरण को लेकर अंतिम निर्णय जिला पदाधिकारी को लेना है. गौरतलब है कि शहरी विकास योजना की राशि से राजेंद्र बाल उद्यान को संवारे जाने के बाद जिला प्रशासन ने नगर निगम को सौंप दिया था. अब सवाल यह है कि हस्तानांतरण को लेकर डीएम कार्यालय तक पहुंची संचिका कब तक खुल पाती है और कब तक राजेंद्र बाल उद्यान कीकिस्मत बदल पाती है. टिप्पणीफिलहाल राजेंद्र बाल उद्यान नगर निगम के देखरेख में है. पुल निगम के आलोक में जो भी निर्देश प्राप्त होगा, निगम उसका पालन करेगी. सुरेश चौधरी, नगर आयुक्त, नगर निगम, पूर्णिया फोटो:- 18 पूर्णिया 12 एवं 13परिचय:- 12 राजेंद्र बाल उद्यान 13- नगर आयुक्त सुरेश चौधरी
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संचिका में कैद है राजेंद्र बाल उद्यान की कस्मित
संचिका में कैद है राजेंद्र बाल उद्यान की किस्मत खास बातें- बाल उद्यान की देखभाल की जिम्मेवार है नगर निगम- वर्ष 2011 में हुआ था बाल उद्यान का निर्माण- बदहाली के दौर से गुजर रहा है बाल उद्यान – पुल निगम को मिल सकती है बाल उद्यान की जिम्मेवारी —————————पूर्णिया. जिला मुख्यालय के गिरजा चौक […]
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