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साढ़े तीन महीने में करनी है दो करोड़ की वसूली

पूर्णिया : नगर निगम आंतरिक निधि वसूली के टारगेट में फंसता नजर आ रही है. वर्ष 2015-16 में निगम का आंतरिक निधि वसूली का टारगेट जहां पांच करोड़ के आसपास है, वहीं अब तक महज तीन करोड़ के आसपास ही राजस्व वसूली हो पायी है. हालांकि इस संबंध में नगर आयुक्त सुरेश चौधरी का कहना […]

पूर्णिया : नगर निगम आंतरिक निधि वसूली के टारगेट में फंसता नजर आ रही है. वर्ष 2015-16 में निगम का आंतरिक निधि वसूली का टारगेट जहां पांच करोड़ के आसपास है, वहीं अब तक महज तीन करोड़ के आसपास ही राजस्व वसूली हो पायी है. हालांकि इस संबंध में नगर आयुक्त सुरेश चौधरी का कहना है कि अभी समय बाकी है. अंतिम समय तक टारगेट फुल-फिल कर लिया जायेगा.
टैक्स वसूली को लेकर गति तेज कर दी गयी है. नगर आयुक्त के दावों में दावों का असर चाहे जो दिखे, लेकिन हालात यह है कि यहां निगम साढ़े आठ महीने में महज तीन करोड़ का राजस्व वसूल पाया है. वहीं महज साढ़े तीन महीने में दो करोड़ वसूल का दावा थोड़ा संशय युक्त है.
गौरतलब है कि निगम आंतरिक राजस्व वसूली के पैसों के भरोसे कई योजनाओं का कार्यान्वयन का रूपरेखा तैयार कर चुका है. वहीं सवाल यह भी है कि अगर टारगेट फुल-फिल नहीं हुआ तो उन योजनाओं का क्या होगा. उपलब्ध जानकारी अनुसार होल्डिंग टैक्स, मोबाइल टावर, ऑटो पड़ाव, सैरात, मसलेनियस से आने वाले राजस्व की स्थिति जहां ठीक-ठाक है, वहीं सरकारी भवनों जैसे विद्युत विभाग, शिक्षा विभाग, सिंचाई, डीआरडीए जैसी संस्थाओं में पेंच फस गया है.
क्या है पेच : जानकारी के अनुसार निगम की ओर से होल्डिंग टैक्स को लेकर निगम की ओर से इन विभागों को नोटिस भेजा गया है. इस बाबत नगर आयुक्त सुरेश चौधरी ने बताया कि इन विभागों पर करोड़ों बकाया है. नोटिस के बाद इन विभागों की ओर से आवंटन नहीं रहने की बात कह आवंटन होने पर फरवरी-मार्च तक भुगतान की बात कही गयी है.
हालांकि इस आश्वासन को निगम उम्मीद बनाये बैठा है, लेकिन समस्या यह भी है कि दिसंबर बीतने चला, जनवरी के बाद फरवरी से विभागों में क्लोजिंग का फेरा कहीं इस उम्मीद को साकार होने में बाधक तो नहीं बनेगा.
फेल हुआ टारगेट, प्रभावित होगा शहर : निगम के आंतरिक राजस्व के पैसे से ही सड़क, नाला, सफाई एवं बिजली पर खर्च कर शहर में रोशनी बहाल की जाती है. स्वच्छता एवं सफाई के साथ सड़क व नाला निर्माण का कार्य होता है. ऐसे में निगम की ओर से राजस्व वसूली के तय लक्ष्य से करीब दो करोड़ रुपये पीछे रहना शहर में चल रहे विकास कार्य एवं स्वच्छता कार्य को प्रभावित कर सकता है.

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