मक्का व मखाना उत्पादन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण की भूमिका अहम : प्राचार्य प्रतिनिधि, पूर्णियासीमांचल का इलाका मक्का व मखाना की खेती को लेकर सभी दृष्टिकोण से किसानों के लिए फायदेमंद है, लेकिन जिस तरह समूचे विश्व में पर्यावरण में हो रहे बदलाव को लेकर रिसर्च हो रहा है, उसके मद्देनजर मक्का व मखाना की खेती में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का होना महत्वपूर्ण हो गया है, ताकि बदलते पर्यावरण के खतरे के बावजूद बेहतर व सुदृढ़ खेती कर उत्तम उत्पादन का फायदा किसानों को मिल सके. उक्त बातें भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठा सह प्राचार्य डाॅ राजेश कुमार ने बुधवार को बामेती पटना द्वारा आयोजित चार दिवसीय मक्का एवं मखाना के कटाई एवं प्रसंस्करण यंत्र के तहत किसान प्रशिक्षण शिविर में किसानों को संबोधित करते हुए कही. आत्मा के सौजन्य से आयोजित इस प्रशिक्षण शिविर में पहले दिन मखाना की खेती पर चर्चा की गयी. इस दौरान दरभंगा के मखाना विभाग के डाॅ एके ठाकुर, डाॅ आइएस सिंह, डाॅ वीके गुप्ता आदि ने किसानों को 03 से 04 फीट गहरे पानी में मखाना उत्पादन तथा मखाना उत्पादन के साथ-साथ मछली पालन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. डाॅ एके ठाकुर ने मखाना उत्पादक किसानों को मखाना निकाले जाने के बाद उसी खेत में सिंघाड़ा उत्पादन को लेकर कई नयी तकनीकी व वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर किसानों का ध्यान आकृष्ट कराया. कार्यक्रम में आये कटिहार एवं पूर्णिया के किसानों को डाॅ ठाकुर ने मखाना उत्पादन की वैज्ञानिक तरीकों के साथ दुनिया के दूसरे देशों में हो रही मखाना की खेती को लेकर भी चर्चा की. कार्य का शुभारंभ कृषि महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ राजेश कुमार एवं वैज्ञानिकों के साथ आत्मा निदेशक ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस मौके पर डाॅ वीभी झा, डाॅ राधेश्याम, एसपी सिन्हा, मोहन कुमार सिन्हा, डाॅ डीके महतो, डाॅ पंकज यादव, डाॅ अनिल कुमार, डाॅ पारसनाथ, डाॅ अनिल कुमार के साथ कृषि महाविद्यालय परिवार के सदस्य भी मौजूद थे. मौके पर किसान अनंत मंडल, सर्वेश कुमार, परमानंद यादव, घोलटू यादव, सुधीर कुमार, अवधेश कुमार, हेमा देवी एवं विजय कुमार मिश्रा मौजूद थे. आज मक्का पर है प्रशिक्षण कार्यक्रम वामेती द्वारा आयोजित किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान आत्मा के उपनिदेशक हरिमोहन झा ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बुधवार को मखाना एवं गुरुवार तथा शुक्रवार को मक्का पर किसानों को प्रशिक्षित किया जायेगा. वहीं सोमवार को कृषि महाविद्यालय परिसर के कृषि फर्म में हुई वैज्ञानिक विधि द्वारा खेती से रूबरू कराया जायेगा. इस चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों के ठहरने एवं खाने तथा प्रशिक्षण की सभी व्यवस्था कृषि महाविद्यालय में ही की गयी है. फोटो:- 16 पूर्णिया 08परिचय:- प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन करते प्राचार्य व अन्य.
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मक्का व मखाना उत्पादन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण की भूमिका अहम : प्राचार्य
मक्का व मखाना उत्पादन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण की भूमिका अहम : प्राचार्य प्रतिनिधि, पूर्णियासीमांचल का इलाका मक्का व मखाना की खेती को लेकर सभी दृष्टिकोण से किसानों के लिए फायदेमंद है, लेकिन जिस तरह समूचे विश्व में पर्यावरण में हो रहे बदलाव को लेकर रिसर्च हो रहा है, उसके मद्देनजर मक्का व मखाना की खेती […]
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