खुले बाजार में लुट रहे किसान, धान खरीद से बिचौलिये होंगे मालामाल
पूर्णिया : धान खरीद को लेकर सरकारी घोषणा के 10 दिन बीत चुके हैं, लेकिन जिला के पैक्स, व्यापार मंडल तथा राज्य खाद्य निगम के क्रय केंद्रों पर धान की खरीद को लेकर कोई पहल दिखाई नहीं दे रही है. अलबत्ता किसान हर रोज औने-पौने दामों में अपना धान बेच कर बिचौलियों के हाथों लूट रहे हैं.
विडंबना तो यह है कि पिछले दो वर्षों से फैलिन, बे मौसम बारिश और चक्रवाती आपदा के कारण जिला के किसानों की कमर पहले से ही टूटी हुई है. सिंचाई के अभाव में इस बार धान की पैदावार भी उम्मीद के अनुरूप नहीं हुई है. रही-सही कसर धान खरीद केंद्र नहीं खुलने से पूरी हो गयी है. उम्मीद थी कि सरकारी समर्थन मूल्य पर धान बिकेंगे तो जख्म पर मरहम लग सकेगा.
लेकिन वह उम्मीद भी लगभग समाप्त हो चुकी है. धान की सरकारी खरीद में देरी की वजह से किसान खुले बाजार में 1100 से 1150 रुपये में धान बेचने को विवश हैं. वहीं सरकारी समर्थन मूल्य का फायदा उठाने वाले बिचौलियों की बाछें खिलने लगी है. एक अनुमान के अनुसार अब तक 70 फीसदी किसान अपने धान खुले बाजार में बेच चुके हैं.
हर वर्ष बेबस होते हैं किसान पूर्णिया जिला में तीन फसलों की खेती किसानों के लिए वरदान है. वहीं पिछले दो वर्षों से प्राकृतिक आपदा की मार के बाद आर्थिक रूप से तंगहाल हुए किसानों को समर्थन मूल्य का लाभ भी नहीं मिलना किसी सदमे से कम नहीं है. यहां धान की खेती जहां जुलाई से अगस्त के मध्य तक संपन्न हो जाता है, वहीं धान की कटनी नवंबर से दिसंबर तक खत्म हो जाता है. इसके साथ ही किसान गेहूं तथा मक्का, राई, सरसों की खेती में जुट जाते हैं.
लेकिन क्रय केंद्रों के अभाव में इन किसानों को खुले बाजार में धान बेच कर अगली खेती की विवशता सरकारी समर्थन मूल्य से उन्हें वंचित कर जाता है. हर रोज 25 हजार क्विंटल धान जाता है बाहर जानकारों की मानें, तो क्रय केंद्र नहीं खोले जाने से निराश किसानों द्वारा खुले बाजार में बेचे जाने वाला धान हर दिन हरियाणा, दिल्ली, बंगाल एवं असम भेजा जा रहा है.
बताया जाता है कि जिला क्षेत्र के भवानीपुर, धमदाहा, कसबा एवं गुलाबबाग मंडी से हर दिन 08 से 10 ट्रक धान देश के अन्य प्रदेशों में भेजी जा रही है. सूत्र बताते हैं कि बाजारों में किसानों के धान की खरीदारी करने वाले व्यापारी किसानों से मनमाने दर पर धान खरीद दूसरे प्रदेशों के चावल मिलों को भेज रहे हैं.
गुलाबबाग के आसपास एवं कसबा, गढ़बनैली, सरसी, धमदाहा आदि जगहों पर लगे चूड़ा मिल एवं चावल फैक्टरियों में प्रतिदिन दो हजार क्विंटल धान से चावल व चूड़ा तैयार किया जा रहा है. फोटो:- 15 पूर्णिया 04परिचय:- ट्रक पर लदा धान