जीरो टिलेज विधि से हो रही गेहूं की खेती जलालगढ़. क्षेत्र के एकंबा पंचायत अंतर्गत विशनथा मौजा में किसान जीरो टिलेज से गेहूं की बोआई कर रहे हैं. प्रखंड कृषि कार्यालय की देखरेख में क्षेत्र के किसानों को जीरो टिलेज से गेहूं की बोआई के लिए प्रेरित किया जा रहा है. प्रखंड कृषि कार्यालय के एसएमस सुवंश प्रसाद व कृषक सलाहकार वरुण कुमार ने बताया कि जीरो टिलेज से कम बीज में खेत की बोआई होती है. इसमें बीज की बरबादी नहीं के बराबर होती है. छिटका विधि यानी पुरानी विधि के अनुपात में जीरो टिलेज में फसल की उपज अधिक होती है. इसमें बीज की बोआई पंक्ति में की जाती है.कृषक सलाहकार वरुण ने बताया कि पुरानी विधि से गेहूं की खेती में एक हेक्टेयर में बोआई के लिए दो क्विंटल बीज लगता है, जबकि जीरो टिलेज से एक हेक्टेयर में मात्र एक क्विंटल बीज लगता है. खेत की जुताई के पैसे भी बचते हैं. उन्होंने बताया कि पुरानी विधि से एक हेक्टेयर में गेहूं की उपज 20 से 24 क्विंटल होती है, वहीं जीरो टिलेज विधि में उत्पादन 32 से 34 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है. इस विधि द्वारा जो बीज की बोआई होती है उसका नुकसान नहीं होता है. किसानों को प्रखंड द्वारा जीरो टिलेज विधि से बोआई के लिये एचडी 2967 गेहूं बीज भी दिया गया. क्षेत्र के विजय मंडल, मनोज कुमार, जितेंद्र मंडल आदि किसान अपने खेतों में जीरो टिलेज से गेहूं की बोआई की है. फोटो: 5 पूर्णिया 1परिचय-जीरो टिलेज से गेहूं की खेती करते किसान
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जीरो टिलेज विधि से हो रही गेहूं की खेती
जीरो टिलेज विधि से हो रही गेहूं की खेती जलालगढ़. क्षेत्र के एकंबा पंचायत अंतर्गत विशनथा मौजा में किसान जीरो टिलेज से गेहूं की बोआई कर रहे हैं. प्रखंड कृषि कार्यालय की देखरेख में क्षेत्र के किसानों को जीरो टिलेज से गेहूं की बोआई के लिए प्रेरित किया जा रहा है. प्रखंड कृषि कार्यालय के […]
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