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फिर जगी मेडिकल कॉलेज स्थापना की उम्मीद

पूर्णिया : बिहार की बागडोर एक बार फिर नीतीश कुमार के हाथ में आने के बाद अटकलों का बाजार गर्म है. लोगों में उम्मीद जगी है कि अब जल्द ही पूर्णिया में मेडिकल कॉलेज का सपना साकार हो जायेगा. मेडिकल कॉलेज की घोषणा के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय मेडिकल कॉलेज का स्थल निरीक्षण कर अपनी ओर […]

पूर्णिया : बिहार की बागडोर एक बार फिर नीतीश कुमार के हाथ में आने के बाद अटकलों का बाजार गर्म है. लोगों में उम्मीद जगी है कि अब जल्द ही पूर्णिया में मेडिकल कॉलेज का सपना साकार हो जायेगा. मेडिकल कॉलेज की घोषणा के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय मेडिकल कॉलेज का स्थल निरीक्षण कर अपनी ओर से हरी झंडी दे चुकी है.

एमसीआई की टीम को शुल्क जमा पिछले वर्ष ही कराया जा चुका है.अब सिर्फ एमसीआई की टीम का सदर अस्पताल स्थल निरीक्षण हेतु पहुंचना बाकी है. हालांकि कॉलेज प्रबंधन द्वारा चालू वर्ष 2015 में ही सत्र आरंभ करने के संकेत भी दिये गये थे. हालांकि अब यह वक्त बीत चुका है. ऐसे में अब वर्ष 2016 एक बड़ी उम्मीद होगी. हवा-हवाई हो गयी सत्र संचालन की योजना स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूर्णिया में मेडिकल स्थापना को लेकर वित्त विभाग को फाइल पिछले वर्ष ही भेज दिया गया है.

विभाग की वर्ष 2014-2015 में मेडिकल कॉलेज शुरु करने की योजना थी. पिछले वर्ष ही विभाग इस बात के लिए प्रयासरत थी कि शीघ्र ही एमसीआई की टीम भेज कर स्थल निरीक्षण कर लिया जाये किंतु ऐसा कुछ हुआ नहीं. एमसीआइ शुल्क लेने के बाद भी स्थल निरीक्षण हेतु नहीं पहुंची जिससे यह योजना खटाई में पड़ गयी.

आधारभूत संरचना जमीन की उपलब्धता—25 एकड़ डायलिसिस यूनिटआइसीयू वार्डएनसीयू वार्ड ऑर्थोपेडिक ओटीसुसज्जित मेटरनिटी वार्डकार्डियोलॉजी यूनिट पूर्वोत्तर बिहार में है महत्वपूर्ण स्थानपूवोत्तर बिहार में पूर्णिया सदर अस्पताल का महत्वपूर्ण स्थान है.

सदर अस्पताल में सीमांचल,कोशी,नेपाल, पश्चिम बंगाल आदि इलाकों से भारी संख्या में मरीज इलाज हेतु आतें हैं.किंतु जटिल रोगों में मरीजों को सिलीगुड़ी,भागलपुर,पटना आदि स्थानों पर रेफर कर दिया जाता है. रेफर होने की स्थिति में गरीब रोगियों के लिए वहां जाना पाना आर्थिक रूप से परेशानी का सबब होता है.

ऐसे में यहां मेडिकल कॉलेज की स्थापना के संकेत मिलते ही लोगों में खुशी की लहर दौड़ी थी. लेकिन लोगों की खुशियों पर एमसीआई ने गाज गिरा दी.मुख्यमंत्री से उम्मीदपूर्णिया में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए लोग मुख्यमंत्री की ओर टकटकी लगाये बैठे हैं.

लोगों को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री दिलचस्पी ले कर कॉलेज के कार्य को गति प्रदान कराने का प्रयास करेंगे.लोगों को यह भी उम्मीद है कि अब जल्द से जल्द एमसीआई की टीम पूर्णिया आयेंगे और स्थल निरीक्षण कर मेडिकल कॉलेज को हरी झंडी देंगे. दरअसल इस उम्मीद की वजह यह है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2012 में सेवा यात्रा के दौरान बायसी में पूर्णिया में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की घोषणा किया था.

घोषणा के साथ ही सदर अस्पताल का अपग्रेडेशन का काम भी काफी तेजी से शुरू हुआ था. लेकिन मुख्यमंत्री का आश्वासन भी पूरा नहीं हो सका. मेडिकल कॉलेज के लिए हुई थी तैयारी वर्ष 2014-15 में सत्र संचालन को लेकर मेडिकल कॉलेज के लिए प्राचार्य नियुक्त कर लिया गया था.यहां भागलपुर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ एके सिंह को प्रभारी प्राचार्य बनाया गया है.

प्राचार्य के निर्देश पर मेडिकल कॉलेज के लिए कई चिकित्सकों को भी नियुक्त किया गया था.बताया जाता है कि एमसीआई की टीम बिना पूर्णिया पहुंचे ही संसाधनों की कमी का हवाला देकर मामले को टाल दिया.बाद में नियुक्त सभी डॉक्टरों को वापस बुला लिया गया. जबकि मेडिकल कॉलेज में कक्षा संचालन के लिए नवनिर्मित बच्चा वार्ड का चयन किया गया था.

किंतु सत्र संचालन में देरी को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने उक्त भवन को पुन: बच्चा वार्ड को सुपुर्द कर दिया गया. जाहिर है राज्य सरकार और एमसीआई की इच्छाशक्ति की वजह से पूर्णिया वासियों का सपना अधूरा रह गया. टिप्पणी:- मेडिकल कॉलेज की तमाम तैयारियां हो चुकी है. अब पासा एमसीआई के हाथ में है. जल्द से जल्द एमसीआई स्थल निरीक्षण कर लें तो सत्र संचालन का रास्ता साफ हो सकेगा. डा एके सिंह, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज, पूर्णिया. फोटो:- 23 पूर्णिया 02परिचय:- बच्चा वार्ड

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