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अनियमितता की भेंट चढ़ा राजीव गांधी सेवा केंद्र

अनियमितता की भेंट चढ़ा राजीव गांधी सेवा केंद्र खास बातें- तीन वर्ष पूर्व आरंभ हुआ था सेवा केंद्र भवन का निर्माण, अब तक अधूरा- भवन निर्माण में गुणवत्ता से खिलवाड़- बरती गयी अनियमितता के कारण भवन निर्माण पूरा कराने से कतरा रहे हैं नये मुखियाजानकीनगर. थाना क्षेत्र की मधुवन पंचायत वार्ड संख्या दो में अर्द्धनिर्मित […]

अनियमितता की भेंट चढ़ा राजीव गांधी सेवा केंद्र खास बातें- तीन वर्ष पूर्व आरंभ हुआ था सेवा केंद्र भवन का निर्माण, अब तक अधूरा- भवन निर्माण में गुणवत्ता से खिलवाड़- बरती गयी अनियमितता के कारण भवन निर्माण पूरा कराने से कतरा रहे हैं नये मुखियाजानकीनगर. थाना क्षेत्र की मधुवन पंचायत वार्ड संख्या दो में अर्द्धनिर्मित राजीव गांधी सेवा केंद्र भूत बंगला में तब्दील हो चुका है. चारों ओर से जंगलों से घिरा यह भवन अनियमितता की मिसाल बन कर लोगों काे मुंह चिढ़ा रहा है. भवन निर्माण का कार्य तो अधूरा है, जो पूरा हुआ वह भी मैनेज सिस्टम के हालात बयां करने के लिए काफी है. दरअसल भवन में ईंट, बालू व सीमेंट की गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया है. नतीजा है कि दीवारें अभी से दरकने भी लगी हैं. गौरतलब है कि भवन निर्माण पूर्व मुखिया अरविंद कुमार उर्फ पंपल सिंह के कार्यकाल में आरंभ हुआ था और इसके अभिकर्ता पंचायत सचिव प्रेम शंकर हरिजन थे. तीन वर्ष पूर्व आरंभ हुआ था निर्माण मनरेगा योजना के तहत राजीव गांधी सेवा केंद्र भवन का निर्माण करीब तीन वर्ष पूर्व आरंभ किया गया था. इसके अभिकर्ता मधुवन के पंचायत सचिव प्रेम शंकर हरिजन थे. पंचायत के वार्ड संख्या दो काली मंदिर टोला में 10 लाख रुपये की लागत से भवन निर्माण कार्य किया जाना था, लेकिन संवेदक व तत्कालीन मुखिया की मिलीभगत से थोड़ा-बहुत काम होने के बाद करीब छह लाख 50 हजार रुपये की निकासी कर ली गयी. निर्माण में बरती गयी अनियमितताग्रामीणों की मानें तो भवन निर्माण में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गयी. भवन में लोकल बालू व घटिया सीमेंट का प्रयोग किया गया. साथ ही दो नंबर की ईंट का भी प्रयोग किया गया. जाहिर है भवन निर्माण के दौरान गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया. इतना ही नहीं आधे से भी कम निर्माण के विरुद्ध छह लाख 50 हजार रुपये की निकासी कर ली गयी. वहीं कार्य आरंभ होने के तीन वर्ष बाद भी निर्माण पूरा नहीं किया गया है, जिससे भवन उपयोगविहीन बना हुआ है. लापरवाही की कहानी, बोर्ड की जुबानीसेवा केंद्र भवन निर्माण में लापरवाही की कहानी बयां करने के लिए इसका योजना बोर्ड काफी है. सड़क किनारे लगा यह बोर्ड झाडि़यों के बीच छिप गया है. बोर्ड से योजना संख्या तो मिट चुका है, लेकिन योजना आरंभ होने की तिथि तीन नवंबर 2012 दर्ज है. योजना की प्राक्कलित राशि 10 लाख और अभिकर्ता प्रेमशंकर हरिजन अंकित है. साथ ही बोर्ड पर मुखिया पंपल सिंह व पंचायत समिति सावित्री देवी का नाम भी बोर्ड पर दर्ज है. जाहिर है तीन वर्ष से अधिक समय बीतने के बावजूद निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होना विभागीय लापरवाही की भी को भी दर्शा रहा है. तत्कालीन मुखिया की चलती थी मनमानीस्थानीय रघुनी साह, बालकृष्ण झा, महेश्वरी मल्लाह, वीरंची साह, वार्ड सदस्य योगेंद्र साह, निर्मल ऋषिदेव, वैद्यनाथ ऋषिदेव, गुलीचंद साह आदि की मानें तो पंचायत में पूर्व मुखिया अरविंद कुमार उर्फ पंपल सिंह के कार्यकाल में आरंभ हुई अधिकतर योजनाएं अपूर्ण हैं. साथ ही योजनाओं में व्यापक रूप से अनियमितता बरती गयी हैं. उनके कार्यकाल के दौरान पंचायत सचिव को भी उनके हिसाब से ही कार्य करना पड़ता था. अनियमितता में पंचायत सचिव और मुखिया दोनों की भूमिका रहती थी. योजनाओं के क्रियान्वयन में बरती गयी अनियमितता के कारण इसे पूरा करना किसी के लिए आसान नहीं है. लिहाजा वर्तमान मुखिया भी इसे पूरा करने से डर रहे हैं और योजना अपूर्ण है. गौरतलब है कि मुखिया अरविंद कुमार के देहांत के बाद हुए उप चुनाव में रमेश पासवान मधुवन के मुखिया निर्वाचित हुए हैं, शीघ्र ही उनका कार्यकाल भी पूरा हो जायेगा. कहते हैं वर्तमान मुखिया मधुवन के मुखिया रमेश पासवान कहते हैं कि उनके छह महीने के कार्यकाल में आरंभ की गयी अधिकतर योजनाओं को पूरा कर लिया गया है. शेष योजनाओं पर कार्य जारी है, शीघ्र ही उसे भी पूरा कर लिया जायेगा. बताया कि पूर्व मुखिया पंपल सिंह के कार्यकाल में आरंभ की योजनाएं अधूरी हैं, इनमें अनियमितता बरती गयी है. यही कारण है कि इस पर कार्य नहीं किया जा रहा है. फोटो : 21 पूर्णिया 10, 11परिचय : 10 – खंडहर में तब्दील अद्र्ध्र निर्मित केंद्र भवन11 – योजना से संबंधित बोर्ड

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