पूर्णिया: अगर आप किसी मुहल्ले या बस्ती की सड़कों से गुजरना चाहें, तो यहां से गुजरना आसान नहीं है. शहर की गलियों में सड़कें बदहाल हैं. इस वजह से मुख्य सड़कों पर लगातार दबाव बढ़ रहा है. शहर के मुख्य मार्गो में एनएच 31, एनएच 57, एनएच 107 से शहर से जोड़ने वाली गली की सड़कें का हाल बेहाल है. हालात यह है कि या तो सड़कें टूट कर बिखरी हुई है या फिर सड़कों पर कीचड़ व जलजमाव की स्थिति बनी हुई है. लाखों लोग इन गलियों से हर रोज मुसीबत ङोल गुजरने को विवश हैं तो दूसरी तरफ शहर के मुख्य मार्गो पर लगातार दबाव बढ़ने से जाम की समस्या उत्पन्न होती है.
जाम से होती है फजीहत
शहर के मुख्य सड़कों पर बढ़ता दबाव जैसे ही जाम में तब्दील होता है, संकट खड़ी हो जाती है. आवश्यक कार्यो या फिर घर लौटने की चाहत में जब लोग गलियों की सड़क का रुख करते हैं, तो नयी परेशानी का सामना करना पड़ता है. कहीं दशक गुजर गये तो कहीं आधे दशक से लोगों को सड़क की सूरत बदलने का इंतजार है. वादों, आश्वासनों, घोषणा एवं सपनों के खेल के सिवा न तो इन संपर्क पथ तथा गलियों की सड़कों की सूरत बदली और न ही संकट से निजात मिला. स्थानीय लोग जानना चाहते हैं कि कब बदलेगी इन सड़कों की सूरत.
बदहाल हैं ये सड़कें
शहर के दक्षिणी भाग से गुजरने वाली एनएच 31 बायपास रोड के नेवालाल चौक, पावर ग्रिड चौक, मध्य विद्यालय उफरैल चौक से भट्टा बाजार, पॉलिटेक्निक चौक से लाइन बाजार एवं सिपाही टोला से डॉलर हाउस होते हुए मधुबनी जाने वाली सड़क बदहाल है. बरसात के पानी और कीचड़ के बीच से मुख्य मार्ग तक का सफर करना शहर के लोगों की नियति बन गयी है. वहीं पश्चिम एवं उत्तर दिशा में डॉलर हाउस से चूनापूर एवं मंङोली चौक से श्रीनगर रोड, जनता चौक से पूर्णिया कॉलेज के तरफ जाने वाली सड़कों की स्थिति बदहाल है.