ऐसे में बिना लागत के इस धंधे से अच्छा खासा मुनाफा प्राप्त होता है. इसे देश के विभिन्न हिस्से में भेजा जाता है. इसके अलावा हड्डी के पाउडर से दवा भी तैयारी होती है. वहीं जानकार बताते हैं कि विदेशों में सिलिकॉन से बनने वाली मूर्ति में भी हड्डी का उपयोग होता है, जिसका बड़ा स्नेत कब्रों से गायब की हुई लाशें होती है.
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पूर्व में भी गायब हो चुकी हैं लाशें
पूर्णिया: पूर्णिया के विभिन्न कब्रगाहों से मुरदे गायब किये जा रहे हैं. निशाने पर मुसलमानों के अलावा हिंदुओं का भी कब्रिस्तान है. लगभग छह माह पूर्व कसबा थाना क्षेत्र के कुल्ला गांव के नवलक्खा मंदिर के निकट स्थित कब्रिस्तान से पांच लाशें गायब हुई थीं. वहीं कसबा रेलवे गुमटी के निकट स्थित कब्रिस्तान से भी […]
पूर्णिया: पूर्णिया के विभिन्न कब्रगाहों से मुरदे गायब किये जा रहे हैं. निशाने पर मुसलमानों के अलावा हिंदुओं का भी कब्रिस्तान है. लगभग छह माह पूर्व कसबा थाना क्षेत्र के कुल्ला गांव के नवलक्खा मंदिर के निकट स्थित कब्रिस्तान से पांच लाशें गायब हुई थीं. वहीं कसबा रेलवे गुमटी के निकट स्थित कब्रिस्तान से भी पांच लाशें गायब हुई थीं. वहीं डेढ़ वर्ष पूर्व केनगर थाना क्षेत्र के भुटकिया घाट से एक दर्जन लाशें कब्र से बाहर निकाल ली गयी थी.
मेडिकल कॉलेज व विदेशों में भी है मांग
मृत मानव शरीर पर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से लेकर चिकित्सा की शिक्षा पा रहे छात्रों की नजर रहती है. दरअसल छात्रों एवं मेडिकल कॉलेज को संपूर्ण शरीर के कंकाल की जरूरत होती है. इस जरूरत को पूरा करने के लिए ही कब्रों से लाशें गायब की जाती हैं. जानकारों की मानें तो एक शरीर के संपूर्ण कंकाल की कीमत 20 हजार से 25 हजार रुपये होती है.
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