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बाबू की बताबौं, 75 साल में ऐहनो तबाही नै देखने रहियै

अजीत पूर्णिया : कटिहार जिला शुरू होते ही तबाही का मंजर कुछ-कुछ दिखने लगता है. गुलाबबाग से आगे हरदा के बीच खेतों में लगी मक्के की फसल जमीन पर पड़ी है. आगे बढ़ने पर यह और अधिक भयावह होता जाता है. हरदा से आगे टीन के घर से टीन गायब है. पीड़ित घर के आगे […]

अजीत
पूर्णिया : कटिहार जिला शुरू होते ही तबाही का मंजर कुछ-कुछ दिखने लगता है. गुलाबबाग से आगे हरदा के बीच खेतों में लगी मक्के की फसल जमीन पर पड़ी है. आगे बढ़ने पर यह और अधिक भयावह होता जाता है. हरदा से आगे टीन के घर से टीन गायब है. पीड़ित घर के आगे धूप में इधर-उधर बिखने सामान को समेटने में लगे हैं. शहर में प्रवेश करने के साथ ही पॉलिटेक्निक कॉलेज की दीवार से सटा एक वृक्ष गिरा है. वृक्ष की चपेट में आने से दीवाल भी धराशायी हो गयी है.
इसके बाद बस स्टैंड के पास गिरा एक मोटा वृक्ष बताने के लिए काफी है कि मंगलवार की रात शहरवासियों ने क्या ङोला. सबसे अधिक तबाही सदर प्रखंड व डगरुआ में हुई है. अधखेली पंचायत में सबसे अधिक पांच मौतें हुई है. रामपुर पंचायत का कोढ़ैली गांव, कोयला पंचायत का मझुआ गांव, बभनी पंचायत का बगान प्रभावित हुआ है.
बस स्टैंड के समीप ही अपने कच्चे टूटे घर को फिर खड़ा करने की कोशिश में लगे झूलन साह बस इतना ही कहते हैं कि बाबू क्या बतायें. 75 वर्ष हो गया लेकिन ऐसी तबाही कभी नहीं देखी थी.
जेल चौक, गिरिजा मोड़ से लेकर एसपी कोठी चौराहा तक लगभग 40 से अधिक पेड़ जमीन पर गिरे मिले. इससे आगे जनता चौक तक भी कुछ ऐसा ही दृश्य दिखा.
चिमनी बाजार में घूम रहे बिविमो के अध्यक्ष राकेश सिंह मिले. वार्ड नंबर 33 की मेमेदा खातून की मौत भी तबाही में हुई. मेमेदा के घर पर पहुंचे राकेश ने कहा कि वह सिर्फ इतना ही कह सकते हैं कि इससे बड़ी तबाही उन्होंने अपने जीवन में नहीं देखी. पूरे जिले में टीन का एक भी घर नहीं बचा है. स्थिति यह है कि इन गरीबों पर दोहरी आफत आ गयी है.
इस तूफान ने सदर प्रखंड व डगरुआ में सबसे अधिक तबाही मचायी है. अस्पताल में पहुंचे घायलों की स्थिति को देख कर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि आधे घंटे के तूफान ने पूरे जिले में कैसे तबाही मचा दी. देर रात से सदर अस्पताल में पहुंचे घायल को अपनी चिंता के अलावा अपने परिजनों की चिंता भी सता रही थी.
जो भी बात कर पा रहा था वह सिर्फ इतना ही जानना चाह रहा था कि उसके मां, बाबू, भाई-बहन कैसे हैं. वह ठीक हैं या नहीं. गुलाबबाग मोड़ पर खड़े मो जामुन कहते हैं कि अल्लाह किसी को ऐसा दिन कभी न दिखाये.

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