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खुद हुए फेल, बने हैं हेडमास्टर

धमदाहा : धमदाहा प्रखंड क्षेत्र में शिक्षक दक्षता परीक्षा में अनुत्तीर्ण 16 शिक्षक ना सिर्फ अपना योगदान विभिन्न विद्यालयों में किये हुए हैं, बल्कि दक्षता परीक्षा में फेल हुए कई शिक्षक आज भी विभिन्न विद्यालयों में विद्यालय प्रधान के पद पर बने हुए हैं. बताया जाता है कि दक्षता परीक्षा में दो बार अनुत्तीर्ण होने […]

धमदाहा : धमदाहा प्रखंड क्षेत्र में शिक्षक दक्षता परीक्षा में अनुत्तीर्ण 16 शिक्षक ना सिर्फ अपना योगदान विभिन्न विद्यालयों में किये हुए हैं, बल्कि दक्षता परीक्षा में फेल हुए कई शिक्षक आज भी विभिन्न विद्यालयों में विद्यालय प्रधान के पद पर बने हुए हैं.

बताया जाता है कि दक्षता परीक्षा में दो बार अनुत्तीर्ण होने वाले शिक्षकों को उनके पद से हटाने का आदेश पूर्व में सरकार के शिक्षा सचिव के दिया गया था. बताया जाता है कि उक्त आदेश के आलोक में कटिहार, किशनगंज, अररिया आदि जिलों में दो बार दक्षता अनुत्तीर्ण शिक्षकों को हटाया भी गया था. लेकिन धमदाहा अनुमंडल क्षेत्र के दो बार दक्षता अनुत्तीर्ण शिक्षकों पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई. और आज भी दक्षता अनुत्तीर्ण शिक्षक विद्यालय प्रधान के पद पर काबिज है.
* गलत हाथों में कमान
एक तरफ जहां दक्षता अनुत्तीर्ण शिक्षक विद्यालय प्रधान बने हुए है. वहीं दूसरी तरफ अनुमंडल क्षेत्र के दर्जनों विद्यालयों में नियमित एवं वरीय शिक्षकों की मौजूदगी के बावजूद नियोजित एवं कनीय शिक्षकों को विद्यालय प्रधान की कमान सौंपी गयी है. बताया जाता है कि सरकार के साथ-साथ न्यायालय ने भी अपने आदेश में नियोजित शिक्षकों को प्रधान नहीं बनाये जाने की बात कही है. इसके बावजूद कई विद्यालय में प्रधान का पद नियोजित शिक्षकों के जिम्मे है. बताया जाता है कि प्राथमिक, मध्य विद्यालय के साथ-साथ उत्क्रमित उच्च विद्यालयों में भी नियमित की जगह नियोजित कनीय शिक्षकों को प्रधान पद की कमान सौंपी गयी है.
* कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति
अनुमंडल क्षेत्र वासी बताते हैं कि शिक्षा विभाग द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के नाम पर महज खानापूर्ति की जा रही है. और विभागीय पदाधिकारी विद्यालयों का औचक निरीक्षक कर कार्रवाई करने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं. स्थिति जस की तस बनी रहती है. भाजपा मंडल उपाध्यक्ष ज्ञानेंदु शेखर, समाजसेवी सह भाजपा महामंत्री विकास चौधरी, सरपंच संघ के जिला उपाध्यक्ष संदीप यादव, किसान नेता शंभु मंडल, समाजसेवी सुनील कुमार सिंह, जिला पार्षद ज्योती रानी, पंचायत समिति सदस्य संजय रजक आदि ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के नाम पर खानापूर्ति का नतीजा ही है कि आज समूचे क्षेत्र में निजी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए अभिभावक मजबूर हो रहे हैं.

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