पूर्णिया : शहर के गिरिजा चौक के समीप लगे एक ट्रैफिक बोर्ड पर पारंपरिक पर्व करवाचौथ का प्रयोग किये जाने पर पूर्णिया की प्रबुद्ध महिलाओं ने कड़ी आपत्ति जतायी है और कहा है कि इसके जरिये उनकी भावनाओं पर चोट किया गया है.
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”करवा चौथ के भरोसे न रहें…” ट्रैफिक बोर्ड पर लिखा देख भड़की महिलाएं
पूर्णिया : शहर के गिरिजा चौक के समीप लगे एक ट्रैफिक बोर्ड पर पारंपरिक पर्व करवाचौथ का प्रयोग किये जाने पर पूर्णिया की प्रबुद्ध महिलाओं ने कड़ी आपत्ति जतायी है और कहा है कि इसके जरिये उनकी भावनाओं पर चोट किया गया है. महिलाओं ने उस बोर्ड से करवाचौथ शब्द विलोपित किये जाने की मांग […]
महिलाओं ने उस बोर्ड से करवाचौथ शब्द विलोपित किये जाने की मांग की है और कहा है कि यदि यह शब्द नहीं हटाया गया तो वे सड़क पर उतरने के लिए बाध्य हो जायेंगी. महिलाओं ने जिला प्रशासन का ध्यान इस ओर आकृष्ठ करते हुए शीघ्र पहल किये जाने की मांग की है.
दरअसल, मिरिजा चौक पर यातायात पुलिस द्वारा दुर्घटनाओं से बचने के लिए संदेशों का एक बोर्ड लगाया गया है. इसमें चालकों को सावधान करते हुए कार चलाते समय सीट बेल्ट अनिवार्य रूप से बांधने और बाइक चलाते समय अनिवार्य रूप से हेलमेट लगाने का संदेश देते हुए लिखा गया है कि करवाचौथ के भरोसे न रहें. महिलाओं को इसी पर आपत्ति है. महिलाओं का कहना है कि यह लिख कर उनकी धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने की कोशिश की गयी है जो सर्वथा गलत और अन्यायपूर्ण है.
कई महिलाओं ने आरोप लगाया कि यह लिखकर करवाचौथ जैसे व्रत का मजाक उड़ाया गया है जिससे वे मानसिक रूप से काफी आहत हुई हैं. महिलाओं ने कहा है कि उन्हें इस बात से खुशी है कि वाहन चलाने वालों को सावधान करने की पहल हुई है पर करवाचौथ की जगह कुछ और भी लिखा जा सकता था.
महिलाओं ने कहा है कि प्रशासन या तो वह बोर्ड हटाए या फिर उससे करवाचौथ का शब्द मिटा दे. महिलाओं ने कहा है कि इस मामले को लेकर एक शिष्टमंडल शीघ्र ही जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से मुलाकात करेगा.
करवाचौथ भारतीय महिलाओं के लिए एक बेहद ही खास त्योहार है जिसकी धार्मिक मान्यताएं भी हैं. करवाचौथ सिर्फ मान्यताओं के लिए नहीं बल्कि पति-पत्नी के आपसी प्रेम और समर्पण का भी पर्व है. इस तरह इसका मजाक नहीं उड़ाया जाना चाहिए.
डॉ निशा प्रकाश, साहित्यकार
यह पर्व पति की लंबी आयु के लिए मनाया जाता है. इसमें महिलाएं निर्जला व्रत भी रखती हैं. एेसी मान्यता है कि करवाचौथ के व्रत के दौरान ब्रह्मा की उपासना से कष्ट और पाप नष्ट हो जाते हैं. इससे हमारी आस्था जुड़ी है. इस तरह इसका दुरुपयोग नहीं होना चाहिए.
रंजना सहाय, पार्षद, पूर्णिया
कहते हैं, इससे न केवल जीवन के सभी तरह के कष्टों का निवारण होता है बल्कि लंबी उम्र की प्राप्ति भी होती है. जिस तरह बोर्ड में लिखा गया है उससे हमारी भावनाएं आहत हुई हैं.
दीप्ति वर्मा, शिक्षिका, पूर्णिया
करवाचौथ के प्रति इतनी आस्था होती है कि इसमें हमलोग शिव, पार्वती, कार्तिकेय, गणेश और चंद्रमा की पूजा करते हैं. मगर, जिस तरह उक्त बोर्ड में लिखा गया है कि ‘करवाचौथ के भरोसे न रहें’ उससे लगता है कि इस महत्वपूर्ण पर्व या व्रत को मजाक बनाया गया है.
पंकजा कुमारी, सोशल वर्कर, पूर्णिया
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