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अब आवास बोर्ड की जमीन का नहीं मिल रहा खतियान, मापी में बाधा

पूर्णिया : शहर की हृदय स्थली हाउसिंग बोर्ड की जमीन की मापी पिछले 20 फरवरी से जारी है. मापी की अंतिम तिथि 28 फरवरी तय की गयी है. लेकिन खतियान उपलब्ध नहीं होने की वजह से सीमांकन में परेशानी हो रही है. बिहार राज्य आवास बोर्ड, भागलपुर के कार्यपालक अभियंता विजय कुमार के अनुसार नक्शा […]

पूर्णिया : शहर की हृदय स्थली हाउसिंग बोर्ड की जमीन की मापी पिछले 20 फरवरी से जारी है. मापी की अंतिम तिथि 28 फरवरी तय की गयी है. लेकिन खतियान उपलब्ध नहीं होने की वजह से सीमांकन में परेशानी हो रही है. बिहार राज्य आवास बोर्ड, भागलपुर के कार्यपालक अभियंता विजय कुमार के अनुसार नक्शा के अनुसार खेसरा 219 बनैली सर्वे का खतियान ढूंढ़ा जा रहा है. इसी खतियान से सीमा का मिलान किया जायेगा. खतियान उपलब्ध नहीं रहने के कारण आवास बोर्ड की जमीन के सीमांकन में काफी परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि आवास बोर्ड के जमीन की मापी की अंतिम तिथि 28 फरवरी तक मापी का काम नहीं हो सकेगा.

होली के बाद पुन: मापी प्रारंभ की जायेगी.

कार्यपालक अभियंता ने कहा कि सरकारी एवं निजी स्तर से बनैली सर्वे का खतियान ढूंढ़ा जा रहा है. पूर्णिया पूर्व के अंचल अमीन प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि मंगलवार को थाना चौक से गिरजा चौक तक खासमहाल भूमि की मापी की गयी जो पूर्व के राजबनैली सर्वे खेसरा 219 के दक्षिण तरफ से नगरपालिका सर्वे खेसरा संख्या 1351, 1352, 1353, 1354 एवं 2157 का करवाना है.
इसके बाद मापी सरजमीं पर करके चिह्नित किया जायेगा. कार्यपालक अभियंता ने कहा कि आवास बोर्ड की 52.20 एकड़ जमीन है जो मापी से निकाला जायेगा. खासमहाल एवं शिशु मंदिर की जमीन को हाउसिंग बोर्ड से अलग कर दिया गया है. बोर्ड की जमीन घटने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी मापी का कार्य संपन्न नहीं हुआ है तो जमीन घटने की बात बेमानी है. मापी के बाद हाउसिंग बोर्ड के जमीन का सीमांकन कर घेराबंदी की जायेगी.
इसके बाद सदर एसडीओ के आदेशानुसार अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. सनद रहे कि हाउसिंग कॉलोनी की जमीन पर लगभग दो दशक से सैकड़ों लोग अवैध तरीके से घर बना कर रह रहे हैं. इसके अलावा हाउसिंग बोर्ड के निर्मित घरों में भी कब्जा कर रखा है. गत वर्ष इन लोगों के विरुद्ध बोर्ड के कार्यपालक अभियंता द्वारा कार्रवाई की गयी थी लेकिन माफियाओं एवं कुछ जनप्रतिनिधियों के दखलंदाजी के कारण मामला ठंडा पड़ गया था.

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