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साथ कला के क्षेत्र में भी बच्चों को करें प्रोत्साहित : डीएम

पूर्णिया: शुक्रवार को कला भवन के मुक्ताकाश मंच पर आयोजित दो दिवसीय युवा उत्सव के दौरान जिले के युवा कलाकारों ने अपनी नृत्य और गायन प्रतिभा से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. उद्घाटन कार्यक्रम की शुरुआत में युवा कलाकारों ने भरतनाट्यम और ओडीसी नृत्य की विभिन्न मुद्राओं की प्रस्तुति देकर दर्शकों की खूब वाह-वाही बटोरी. […]

पूर्णिया: शुक्रवार को कला भवन के मुक्ताकाश मंच पर आयोजित दो दिवसीय युवा उत्सव के दौरान जिले के युवा कलाकारों ने अपनी नृत्य और गायन प्रतिभा से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. उद्घाटन कार्यक्रम की शुरुआत में युवा कलाकारों ने भरतनाट्यम और ओडीसी नृत्य की विभिन्न मुद्राओं की प्रस्तुति देकर दर्शकों की खूब वाह-वाही बटोरी. दरअसल, कला संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार एवं जिला प्रशासन के द्वारा आयोजित दो दिवसीय जिला स्तरीय युवा उत्सव का आगाज कला भवन के मुक्ताकाश मंच पर शुक्रवार को हुआ.

कार्यक्रम का उद्घाटन जिला पदाधिकारी प्रदीप कुमार झा, जिला परिषद अध्यक्ष क्रांति देवी एवं अपर समाहर्ता डा़ रवींद्र नाथ ने संयुक्त रूप से किया. इस मौके पर प्रदर्श कला के निर्णायक मंडल में वीरेन्द्र घोष, अमरनाथ झा, अशोक राज, डीपीओ सर्व शिक्षा रतीश चंद्र झा तथा चाक्षुष कला के निर्णायक मंडल में राजीव राज, गुल्लू दा, डीपीओ (शिक्षा) अजय पांडेय शामिल हैं.


उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीएम प्रदीप कुमार झा ने बच्चों से पढ़ाई के साथ-साथ अन्य रचनात्मक गतिविधियों पर ध्यान देने की बात कही. उन्होंने कहा कि इससे उनके व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास होगा. इस प्रतियोगिता के माध्यम से कला संस्कृति एवं युवा विभाग तथा जिला प्रशासन द्वारा युवाओं को अपनी कला के प्रदर्शन का अवसर मिला है. इस मौक पर डीएम ने शिक्षकों तथा अभिभावकों से छात्रों की पढ़ाई के साथ-साथ उनकी पसंद की अन्य कलाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करने की अपील की. युवा उत्सव में समूह गान, समूह लोक नृत्य, एकांकी नाटक, शास्त्रीय नृत्य, शास्त्रीय गायन, शास्त्रीय वादन (सितार, गिटार, तबला, बॉसुरी, वीणा, मृदंगम), हारमोनियम वादन (सुगम), वक्तृता (हिन्दी/अंग्रेजी) प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है, जो राष्ट्रीय युवा उत्सव की प्रतियोगिता श्रेणी के अंतर्गत सम्मिलित है. इन विधाओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी को राज्य स्तरीय युवा उत्सव में जिला का प्रतिनिधित्व करने के लिए भेजा जाएगा. इसके अतिरिक्त युवा कलाकारों के प्रोत्साहन हेतु लोकगाथा गायन, लोकगीत, सुगम संगीत, वायलिन वादन, सारंगी वादन, सरोद वादन, शहनाई, पखावज, ध्रुपड़-धमाड़ तथा चाक्षुष कला में चित्रकला, हस्तशिल्प, मूर्तिकला एवं फोटोग्राफी की प्रतियोगिता होगी.

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