सुगर फ्री मिठाई की आड़ में ग्राहकों का हो रहा है शोषण
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निम्न कोटि के सैकरीन से बन रही सुगर फ्री मिठाई
सुगर फ्री मिठाई की आड़ में ग्राहकों का हो रहा है शोषण पूर्णिया : लोगों की बदलती जीवनशैली में कई तरह के रोग भी तेजी से फैल रहे हैं. जिसमें सबसे प्रमुख और जानलेवा मधुमेह है. लिहाजा दवाई दुकान से लेकर खाने-पीने तक की चीजों में सुगर फ्री की मांग काफी बढ़ गयी है. ऐसे […]
पूर्णिया : लोगों की बदलती जीवनशैली में कई तरह के रोग भी तेजी से फैल रहे हैं. जिसमें सबसे प्रमुख और जानलेवा मधुमेह है. लिहाजा दवाई दुकान से लेकर खाने-पीने तक की चीजों में सुगर फ्री की मांग काफी बढ़ गयी है. ऐसे में अब सुगर फ्री मिठाई का बाजार भी काफी गर्म रहने लगा है. त्योहार का मौसम चल रहा है जिसमें रक्षाबंधन समाप्त हो चुका है तो गणेश उत्सव भी पूरा हो चुका है. वहीं 21 सितंबर से दुर्गापूजा आरंभ हो रही है और उसके बाद दीपावली, भैयादूज और छठ पर्व भी आने वाला है.
इन पर्वों में खास तौर पर मिठाई का प्रयोग अधिकतर होता है. इसको लेकर भी दुकानदार ग्राहक को आकर्षित करने के लिए हर वेराइटी की मिठाई के निर्माण में जुटे हुए हैं. नया फैशन यह है कि बाजार में मधुमेह रोग से पीड़ित लोगों के लिए सुगर फ्री मिठाई भी अब धड़ल्ले से उपलब्ध है. लेकिन सुगर फ्री मिठाई के नाम पर किस प्रकार की मिठाई बाजार में उपलब्ध है, यह किसी को पता नहीं है. जानकार बताते हैं कि निम्न कोटि के सैकरीन से बनी ऐसी मिठाइयां किसी जहर से कम नहीं होती है.
कट रही ग्राहकों की जेब, दुकानदार हो रहे मालामाल : बाजार में मधुमेह रोगियों के लिए अब आसानी से सुगर फ्री मिठाई उपलब्ध है. सुगर फ्री मिठाई के नाम पर साधारण से साधारण मिठाईयों की कीमत दोगुनी से तीन गुणी हो जाती है. मजबूरी में लोग ऐसी मिठाईयां खरीदने को बाध्य हो जाते हैं. जबकि सुगर फ्री मिठाई की कीमत आम मिठाई की तुलना में आधी होनी चाहिए. हैरानी की बात यह है कि कुछ दुकानदार तो आम मिठाई को ही सुगर फ्री के नाम पर खुलेआम बेच रहे हैं. शहर में कई ऐसी दुकानें हैं,
जो अपने दुकान के बाहर ‘ यहां सुगर फ्री मिठाई उपलब्ध है ‘ का बोर्ड लगा रखा है तो कई दुकानदार खुद को सुगर फ्री मिठाईयों का स्पेशलिस्ट बताने से गुरेज नहीं कर रहे हैं. होमियोपैथ चिकित्सक डा मनोज कुमार कहते हैं कि सुगर फ्री मिठाई होने का दावा करने वाले दुकानदारों की बातों पर आंख मूंद कर भरोसा नहीं करना चाहिए. कृत्रिम व बाजार में बने सुगर फ्री मिठाईयों में कई ऐसे अवयव डाले जाते हैं, जो गुर्दे और लीवर के लिए खतरनाक होते हैं. इस प्रकार ग्राहकों की जेब कट रही है और कारोबारी मालामाल हो रहे हैं.
सैकरीन टेबलेट का होता है प्रयोग
जानकार बताते हैं कि सुगर फ्री मिठाई कोई अनोखी चीज नहीं होती है. अंतर सिर्फ इतना होता है कि आम मिठाई में चीनी का प्रयोग किया जाता है और सुगर फ्री मिठाई में सैकरीन टेबलेट अथवा पाउडर व लिक्विड का प्रयोग किया जाता है. सैकरीन चीनी से भी कम कीमत में बाजार में उपलब्ध है. जिसकी केलौरी चीनी की तुलना में नहीं के बराबर होती है. इन पदार्थों से बने सुगर फ्री मिठाई सेहत के लिए लाभदायक होता है और आम मिठाई की तुलना में कीमत भी कम होती है. बाजार में दुकानदार निम्न गुणवत्ता के सैकरीन का प्रयोग कर लोगों से सुगर फ्री के नाम पर मनमानी कीमत वसूल कर रहे हैं.
मामले में विभाग बना है उदासीन
बाजार में धड़ल्ले से बेचे जा रहे मिलावटी मिठाई और निम्न कोटि के सैकरीन से बने मिठाई के मामले में जिला खाद्य निरीक्षक कार्यालय पूरी तरह उदासीन है. अधिकारियों की उदासीनता का लाभ काले कारोबारियों को मिल रहा है. वहीं विभाग की भी अपनी समस्याएं हैं. गिने-चुने लोगों के भरोसे चलने वाले विभाग पर पूरे सीमांचल की देखभाल की जिम्मेवारी है. इसके अलावा सुरक्षा का भी मामला अक्सर सामने आता है, जब जांच-पड़ताल के लिए पहुंचने वाले अधिकारियों को विपरीत परिस्थिति का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा जब्त किये गये सैंपल की जांच की स्थानीय व्यवस्था नहीं है. लिहाजा सब कुछ ठंडे बस्ते में चला जाता है.
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