पूर्णिया : माॅनसून के अत्यंत विलंब से किसान परेशान हैं. इलाके के धान समेत खरीफ फसलों के उत्पादन पर संकट के काले बादल मंडराने लगे हैं. माॅनसून के अभाव में रोपनी नहीं हो रही है और गांव में लोगों को मजदूरी भी नहीं मिल रही है. इस सवाल पर अब प्रशासन भी चिंतित है. हालांकि खरीफ की फसल अब किसानों के लिए अनुपूरक खेती हो गयी है. मूल खेती तो रबी की खेती होती है. खरीफ फसलों से सिर्फ अगली खेती के लिए पूंजी निकाली जाती है. ज्ञात हो कि इस मौसम में धान, मकई और केले की फसल होती है. मौसम की बेरुखी से इन फसलों का जनाजा निकल रहा है. धान के उत्पादन के अासार भी कम हो गये हैं.
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माॅनसून में अप्रत्याशित विलंब से धनरोपनी प्रभावित
पूर्णिया : माॅनसून के अत्यंत विलंब से किसान परेशान हैं. इलाके के धान समेत खरीफ फसलों के उत्पादन पर संकट के काले बादल मंडराने लगे हैं. माॅनसून के अभाव में रोपनी नहीं हो रही है और गांव में लोगों को मजदूरी भी नहीं मिल रही है. इस सवाल पर अब प्रशासन भी चिंतित है. हालांकि […]
केले का भी है बुरा हाल : पूर्णिया में मानसून से मुख्य नकदी फसल केला का भी बुरा हाल है. इसी मौसम में केला की फसल तैयार होती हे और सही-सही पानी मिलता रहा तो पैदावार भी काफी अच्छी होती है. खासकर पूर्णिया जिले के पश्चिमी इलाके में केले की खेती होती है. वहां मानसून के अभाव में केला की फसल भी झुलस रही है. केला के किसान परेशान हैं.
खेती हाशिये पर : धान के उत्पादन के लिए पूर्णिया का पूर्वी इलाका चर्चित है. वहां बायसी, बैसा, अमौर एवं डगरूआ प्रखंड में वृहत पैमाने पर धान की खेती होती है जो हाशिये पर चली गयी है. कृषि विभाग के सूत्र बताते हैं कि अब तक जितनी वर्षा होनी चाहिए उससे 60 फीसदी वर्षा कम हुई है. सुखाड़ सी स्थिति उत्पन्न हो गयी है. ऐसे में फसल का उत्पादन प्रभावित होना तय माना जा रहा है. सूखाड़ सी स्थिति को लेकर जिला प्रशासन भी चिंतित है. खुद डीएम प्रदीप कुमार झा ने बैठक बुलाकर अधिकारियों से मानसून की इस हालत से उत्पन्न परिस्थिति के हालात पर रिपोर्ट बनाने कहा है और वैकल्पिक व्यवस्था करने भी कहा है. यह जवाबदेही जिला कृषि पदाधिकारी को दी गयी है. डीएम ने वैकल्पिक फसल योजना भी तैयार करने कहा है. ताकि किसानों को किसी तरह की परेशानी न हो. डीएम ने सभी 90 सरकारी नलकूप को चालू करने के निर्देश दिये हैं. हालांकि विभाग ने 80 नलकूप के चालू हालत में रहने के रिपोर्ट दिए हैं.
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