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परिजनों का रोना-बिलखना हुआ बंद तब मिला शव वाहन पूर्णिया : सोमवार को 12 बजे दिन में सदर अस्पताल के इमरेजेंसी में भासा की स्टेट टीम जब बाइक पर शव लेने के मामले में सिविल सर्जन डॉ एम एम वसीम से पड़ताल कर रही थी, उसी वक्त इमरजेंसी के सामने जमीन पर स्ट्रेचर पर रखे […]

परिजनों का रोना-बिलखना हुआ बंद तब मिला शव वाहन

पूर्णिया : सोमवार को 12 बजे दिन में सदर अस्पताल के इमरेजेंसी में भासा की स्टेट टीम जब बाइक पर शव लेने के मामले में सिविल सर्जन डॉ एम एम वसीम से पड़ताल कर रही थी, उसी वक्त इमरजेंसी के सामने जमीन पर स्ट्रेचर पर रखे शव पर परिजन बिलख रहे थे. मृतक तिलकचंद यादव पूर्णिया मोड़ के खुरमान चौक का निवासी था.
सोमवार सुबह उसे अस्पताल में भरती कराया गया था. अल्ट्रासाउंड कराने के दौरान ही उसने दम तोड़ दिया. उसके बाद शव को स्ट्रेचर पर लेकर परिजन इमरजेंसी के सामने आ गये. करीब 15 मिनट तक परिजनों की चीख-पुकार पर किसी का ध्यान नहीं गया. इसके बाद हॉस्पिटल मैनेजर शिंपी कुमारी वहां आयी और पांच मिनट में शव वाहन उपलब्ध कराने की बात कही.
हालांकि बमुश्किल 50 मीटर की दूरी पर खड़े शव वाहन को आने में 45 मिनट का समय लग गया. तबतक परिजनों का रोना-बिलखना भी बंद हो गया. खैर, अस्पताल में शव वाहन की उपलब्धता पर वहां मौजूद प्रबुद्धजन राज्य सरकार को साधुवाद देते दिखायी पड़े.

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